हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ हुए गैंग रेप और हत्या की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। देश में फिर से बलात्कार के खिलाफ कड़ी सज़ा के प्रावधान की मांग उठने लगी है।
निर्भया मामले के बाद भी इस तरह की मांग ने ज़ोर पकड़ा था, जिसके बाद भारत में दी जाने वाली सज़ा में कुछ बदलाव किए गए थे पर वास्तविकता में कोई बदलाव नहीं हुए हैं।
दुष्कर्म के मामलों में बद-से-बदतर होता भारत
2017 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 3.59 लाख मामले देश में खराब कानून व्यवस्था की स्थिति को उजागर करते हैं।
- उत्तर प्रदेश में 2017 में महिलाओं के साथ दुष्कर्म के 56,011 मामले दर्ज किए गए,
- जबकि मध्य प्रदेश में सबसे अधिक बलात्कार के मामले (5562) दर्ज हुए।
ये तो वे आंकड़े हैं जो सरकार ने हमें बताए पर और भी ना जाने कितने मामले होंगे, जिन्हें या तो दबा दिया गया या उन महिलाओं में इतनी हिम्मत नहीं थी या उनके परिवार इतने सक्षम नहीं थे कि पुलिस के पास अपनी रिपोर्ट लिखवा सके।
इनमें कितने मामलों में दोषी को सज़ा मिली? क्या किसी को न्याय मिला? ये सबसे बड़े सवाल हैं। हज़ारों से ज़्यादा मामले न्यूज़ चैनलों तक पहुंच भी नहीं पाते हैं। इन हज़ारों में कुछ को ही सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनलों पर कुछ दिनों के लिए न्यूज़ की तरह दिखाया जाता है या फिर हम एक नए न्यूज़ को देखने लगेंगे और यह घटना पुरानी हो जाएगी।
देश को सख्त कानून की ज़रूरत है
अब वक्त आ गया है जब हमें एक सख्त कानून की ज़रूरत है, नए फास्ट ट्रैक कोर्ट की बातें ना करके उसपर सरकार काम करें और अमल करें। बातों से कब तक देश की जनता को मूर्ख बनाया जाएगा। जबतक देश में एक नई न्याय प्रणाली नहीं लाई जाएगी, तब तक इंसानियत को शर्मसार करने वाले लोगों के मन में खौफ नहीं जागेगा।
अलग-अलग देशों में बलात्कारियों को दी जाने वाली सज़ा
चीन- चीन में दुष्कर्म करने वालों को मौत की सज़ा देने का कानून है। चीन में इस ज़ुर्म की सज़ा जल्द-से-जल्द दे दी जाती है, इसके लिए कोई ट्रायल नहीं चलता है। मेडिकल जांच में रेप की बात प्रमाणित होने पर मृत्यु दंड दे दी जाती है।
ईरान- ईरान में इस घिनौने काम के लिए आरोपी को फांसी या लोगों के सामने पत्थर मारकर मौत देने की सज़ा है।
अफगानिस्तान- अफगानिस्तान में इस अपराध के लिए बेहद ही कड़ी सज़ा दी जाती है। यहां पर सर्वाइवर को न्याय देने के लिए आरोपी को चार दिनों के अंदर ही सिर पर गोली मारकर मौत की सज़ा दे दी जाती है, या फिर फांसी पर लटका दिया जाता है।
उत्तर कोरिया- उत्तर कोरिया में इस तरह के अपराध के लिए किसी भी तरह की माफी नहीं दी जाती है। यहां दोषी को सुरक्षाकर्मियों द्वारा खुलेआम गोली से (firing squad का प्रावधान) मारा जाता है।
सउदी अरब- अपनी कट्टरता के लिए जाना जाने वाले सउदी अरब में इस अपराध के लिए बेहद ही सख्त तरीके से सज़ा दी जाती है। यहां पर आरोपी का सिर जनता के सामने धड़ से अलग करने का प्रावधान है।