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महिलाओं को नाइट शिफ्ट में कैब ना देना कानून का उल्लंघन है

story of my sexual exploitation on streets

उत्तर प्रदेश के हरदोई ज़िले के पूर्व SP का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में पूर्व SP आलोक प्रियदर्शी एक होटल की महिला कर्मचारी की सुरक्षा के लिए आवाज़ उठाते नज़र आ रहे हैं। दरअसल, आलोक प्रियदर्शी को देर रात एक लड़की अकेले सुनसान रास्ते पर जाते दिखी। जब उन्होंने उस लड़की से उस वक्त अकेले जाने की वजह पूछी तो लड़की ने बताया कि वह होटल में अपनी शिफ्ट खत्म करके घर जा रही है।

उसके बाद पूर्व SP उस होटल गएं, जहां वह लड़की काम करती है और महिलाओं को नाइट शिफ्ट में कैब की सुविधा ना उपलब्ध कराने के लिए होटल प्रशासन को फटकार लगाई।

हमार देश में महिलाओं के लिए रात को ट्रैवल करना आज भी सुरक्षा के लिहाज़ से चुनौतिपूर्ण है। यह हालत ना सिर्फ देश के छोटे शहरों में है बल्कि महानगरों की भी ऐसी ही स्थिति है।

आज बड़ी संख्या में महिलाएं नाइट शिफ्ट की पेशे में भी लगी हुई हैं। सरकारी नियमानुसार नाइट शिफ्ट में महिलाओं को कैब की सुविधा देना अनिवार्य है, लेकिन कई कंपनियां इस नियम को नज़रअंदाज़ करती हैं, जिसका खामियाज़ा उन महिलाओं को शेफ्टी के रूप में करना पड़ता है। इसका एक उदाहरण इस वीडियो में नज़र आ रही महिला है, जो बिना किसी सुरक्षा इंतज़ाम के अकेले रात को सड़क पर जाने को मजबूर थी।

क्या बोलता है कानून

कानून के हिसाब से रात 8 बजे के बाद किसी भी महिला स्टाफ के लिए कैब की सुविधा अनिवार्य है। सिर्फ कैब ही नहीं बल्कि कैब में महिला स्टाफ के साथ एक गार्ड का होना भी अनिवार्य है। साथ ही जब तक वह महिला अपने घर में प्रवेश नहीं कर जाती है गाड़ी और गार्ड वहां से नहीं जा सकते हैं।

यह ऑर्डर Criminal Procedure Code के सेक्शन 144 के तहत लागू किया गया है और इसका उल्लंघन करने पर आईपीसी के सेक्शन 188 के तहत सज़ा का प्रावधान है। जिसमें 6 महीने की जेल की सज़ा या 1000 रुपए का जु़र्माना या दोनों लग सकता है।

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