हमारे प्रधानमंत्री और गृहमंत्री कहते हैं, “किसी को घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है”, आपके इस काले कानून से देश के एक बड़े तबके को परेशानी है, आप सामने आकर उनके सवालों का जवाब क्यों नहीं देते हैं?
अमेरिका जाकर कहते हैं, “सब ठीक है”, ऑंख खोलकर देखिए कुछ ठीक नहीं है। जापान के प्रधानमंत्री ने भारत दौरा रद्द कर दिया क्यों? बांग्लादेश के विदेश मंत्री और गृहमंत्री ने अपना भारत दौरा रद्द कर दिया क्यों? यही बता दीजिये।
I want to unequivocally assure my fellow Indians that CAA does not affect any citizen of India of any religion. No Indian has anything to worry regarding this Act. This Act is only for those who have faced years of persecution outside and have no other place to go except India.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 16, 2019
जामिया में कैसे शुरू हुआ हिंसक माहौल
शुक्रवार को जामिया मिलिया इस्लामिया के स्टूडेंट्स ने CAB और NRC के विरोध में कैंपस से संसद तक शांतिपूर्ण मार्च निकालने का आह्वान किया, जिसको पुलिस ने विश्वविद्यालय के बाहर ही रोक दिया। पुलिस द्वारा बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे गए, जिसमें कई छात्र-छात्राओं को गंभीर चोटें आईं। घायल स्टू़डेंट्स को होली फैमिली हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। वहीं झड़प में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए।
सरकार गूंगी होने का नाटक कर रही है
आज जब देश के कई हिस्सों में अशांति फैली हुई है, तो हमारे प्रधानमंत्री कानपुर में नाव की सवारी कर रहे हैं। ऐसे चलेगा देश? असम जल रहा है, बंगाल सहित देश के कई हिस्से उबल रहे हैं, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया सहित कई अन्य विश्वविद्यालयों के स्टूडेंट्स अपने भविष्य की चिंता किए बगैर अपने देश और संविधान को बचाने के लिए सड़कों पर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। स्टूडेंट्स का कहना है कि सरकार धर्मनिरपेक्ष देश में धर्म के आधार पर भेदभाव कर रही है।
जामिया में प्रदर्शन जारी है
दूसरे दिन भी जामिया मिलिया इस्लामिया के स्टूडेंट्स ने परीक्षा का बहिष्कार करते हुए दिनभर कैंपस में ही विरोध प्रदर्शन किया। विश्वविद्यालय के समीप ही भारी मात्रा में पुलिस बल भी मुस्तैद दिखी। स्टूडेंट्स के समर्थन में बिहार के मधेपुरा से सांसद पप्पू यादव भी कैंपस आए और स्टूडेंट्स को संबोधित किया।
दिनभर स्टूडेंट्स सहित कई लोगों ने अपनी बात रखी, जिसमें देश की एकता, अखंडता तथा धर्मनिरपेक्ष छवि को बनाए रखते हुए सबको साथ लेकर चलने की बात की गई। साथ ही सरकार विरोधी नारे भी लगते रहें। वहीं दूसरी ओर विश्वविद्यालय की दीवारों पर सरकार विरोधी स्लोगन देखने को मिले।
कश्मीर पर आपकी क्या राय है?
प्रधानमंत्री साहब देश आपसे पूछ रहा है, कश्मीर का ही हाल बता दीजिए। धारा 370, धारा 35 A में संशोधन किए हुए आज 150 दिन होने जा रहे हैं, अभी भी कश्मीर बंद है क्या बदल गया? हम महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती मना रहे हैं। पूरे देश को आप कश्मीर और असम की तरह परेशान कर देना चाहते हैं।
दिल्ली पूर्ण राज्य के लिए लड़ रही है और आपने एक पूर्ण राज्य को विभाजित करके केंद्र शासित प्रदेश बना दिया। आज एक लोकतांत्रिक देश में दमनकारी नीतियों द्वारा एक भय का माहौल बनाया जा रहा है।
हमारे देश के कुछ लोगों को गलतफहमी है कि इसमें हमारा क्या नुकसान है? तो सुन लो, अगली बारी तुम्हारी होगी। जब खाने को भी ना मिलेगा, तब तक देर हो चुकी होगी, अपने और अपने लोगों के हक के लिए आवाज़ बुलंद करो, नहीं तो एक दिन आवाज़ छीन ली जाएगी। आपके संविधान ने आपको सवाल पूछने का हक दिया है, इसका इस्तेमाल करो, नहीं तो बाद में जब सबकुछ छीन जाएगा तब अफसोस करोगे।
दुनिया की कोई भी सरकार (सत्ताधीश) नहीं चाहती कि उसकी जनता, अपने हक की बात करे और सरकार की जन विरोधी नीतियों का बहिष्कार करे। वे लोग हर एक उस आवाज़ को कुचलने की भरपूर कोशिश करते हैं, जो उनके खिलाफ में उठी हो।