बुधवार को राज्यसभा से बहुमत के साथ नागरिकता संशोधन बिल पास हो गया लेकिन विरोध प्रदर्शन की घटनाओं की खबरें लगातार आ रही हैं। गुवाहाटी सहित अन्य स्थानों पर प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट्स पर पुलिस ने लाठियां चलाई और आंसू गैस के गोले दागे।
ये स्टूडेंट्स पिछले कई दिनों से इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। बुधवार शाम जब राज्यसभा से बिल पास हो रहा था तब असम के अनेक स्टूडेंट यूनियन से जुड़े स्टूडेंट्स राज्य सचिवालय के पास लगातार केन्द्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी कर रहे थे। इन्हें स्थानीय लोगों के हर वर्ग का भरपूर समर्थन मिल रहा है।
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में से दो लोगों के मौत की खबर भी सामने आ रही हैं। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के अनुसार गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के एक अधिकारी ने बताया कि जहां एक व्यक्ति ने अस्पताल में लाए जाने से पहले ही दम तोड़ दिया था, वहीं दूसरे की मौत इलाज के दौरान हुई।
लोगों में इतना आक्रोश है कि कर्फ्यू लगने के बाद भी प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। तमाम नेताओं द्वारा की गई शांति अपील के बावजूद अभी भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
वार जोन में तब्दील हो गया गुवाहाटी का यह रोड
11 दिसंबर को सुबह से ही गुवाहाटी के जीएस रोड पर हज़ारों स्टूडेंट्स इकट्ठा होने शुरू हो गए थे। जब ऊपरी सदन में गृहमंत्री बिल पास कराने के लिए बहस कर रहे थे, ठीक उसी वक्त यह इलाका पुलिस और छात्रों के बीच एक लड़ाई का अखाड़ा बन गया था।
स्टूडेंट्स राज सचिवालय के सामने खड़े होकर CAB के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने लगे। शाम होते-होते शहर के अन्य इलाकों में “टॉर्च रैली” भी निकाली गई। इन स्टूडेंट्स ने राज्य सचिवालय में काम कर रहे कर्मचारियों का भी साथ मिला।
ऊधर डिब्रूगढ़ से भी हिंसा की घटनाएं सामने आयी हैं। असम ट्रिब्यून में छपी खबर की मुताबिक प्रदर्शन कर रहे 20 स्टूडेंट्स घायल हो गए हैं। एनएच 37 पर विरोध कर रहे इन स्टूडेंट्स पर पुलिस ने रबर बुलेट्स और आंसू गैस के गोले दागे।
घायल स्टूडेंट्स को इलाज के लिए असम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। इनमें से अधिकतर छात्र डिब्रुगढ़ पॉलिटेक्निक कॉलेज के बताए जा रहे हैं।
इंटरनेट बंद और कर्फ्यू लागू
असम सरकार के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के जारी किए गए एडवाइज़री में राज के 10 ज़िलों में अगले 24 घंटे के लिए इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया गया। इसमें कहा गया है कि फेसबुक, व्हाट्सएप , ट्विटर और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से अफवाह फैलाकर शांति व्यवस्था भंग करने का खतरा है।
इंडियन टेलीग्राफ एक्ट (1885) के खंड 5(2) के तहत 11 दिसंबर शाम 7 बजे से अगले 24 घंटे तक इन ज़िलों में इंटरनेट पूरी तरह बंद रहेगा।इंटरनेट बंद के साथ गुवाहाटी में अनिश्चितकालीन समय के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है। सेना की दो टुकड़ियों को स्टैंडबाई पर रखी गई है।
अकॉर्ड के उल्लंघन का आरोप
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) मुख्यमंत्री सोनोवा सर्वानंद सोनोवाल पर असम Accord के उल्लंघन का आरोप लगा रहे हैं। इसी स्टूडेंट यूनियन ने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री को चुनौती देते हुए इस बिल पर पब्लिक डिबेट की बात कही है।
दरअसल, 1977 की लोकसभा उपचुनाव में मांगलोड़ी सीट पर वोटरों की संख्या में अत्यधिक इज़ाफा हुआ। जब पता किया गया तो जानकारी मिली कि अवैध बांग्लादेशी शरणार्थी कि वजह से ऐसा हुआ है। इसी घटना ने हिसंक रुप धारण कर लिया। कई सालों तक तो हिंसा की अनेक घटनाएं सामने आती रही हैं।
- 15 अगस्त 1985 को केंद्र की राजीव गांधी सरकार और आंदोलन के बीच नेताओं के बीच समझौता हुआ जिसे असम समझौते के नाम से जाना गया।
- इसके तहत 1951 से 1961 के बीच आए सभी लोगों को पूर्ण नागरिकता और वोट देने के अधिकार का फैसला किया गया।
- तय किया गया कि जो लोग 1971 के बाद जो लोग असम में आए थे उन्हें वापस भेज दिया जाएगा।
- जबकि इस नागरिकता एक्ट में नई समय सीमा 2014 तय की गई है।
इन सब के बीच नागरिकता संशोधन बिल, कानून की शक्ल ले चुका है लेकिन लगातार कई दिनों से चल रहे आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। लोग अपनी मांगों को लेकर अब भी अड़े हैं।