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90% जली उन्नाव की रेप फाइटर ने सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ा

अभी हैदराबाद रेप कांड से देश के गुस्से का उबाल कम भी नहीं हुआ था कि उन्नाव की अमानवीय घटना ने एकबार फिर शर्मशार करने को विवश कर दिया है। उत्तरप्रदेश के उन्नाव में गुरुवार की सुबह 6 बजे, 23 साल की युवती को पेट्रोल छिड़ककर ज़िन्दा जलाने की कोशिश की गई।

इस घटना में युवती 90% जल गई और फिर सफदरजंग अस्पताल में अपनी ज़िंदगी की लड़ाई लड़ते-लड़ते हार गई।

क्या था उन्नाव का मामला?

मामला पिछले साल के दिसंबर का है, जहां आरोपी ने उन्नाव की इस बेटी को शादी का झांसा देकर अपने पास बुलाया और बलात्कार किया। सिर्फ यही नहीं, दरिंदगी की हद इतनी थी कि उस आरोपी ने बलात्कार का वीडियो रिकॉर्ड कर इंटरनेट पर वायरल करने की धमकी भी दी।

फिर 12 दिसंबर 2018 को लड़की ने आरोपी सहित उसके एक और दोस्त पर रेप का मुकदमा दर्ज किया। वह इसी मुकदमे के सिलसिले में रायबरेली रवाना होने के लिए सुबह 6 बजे के करीब रेलवे स्टेशन जा रही थी। इसी बीच उन दोनों आरोपियों ने अपने अन्य तीन दोस्तों के साथ मिलकर इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया।

पुलिस को दिए गए बयान में उस बहादुर बेटी ने बताया कि पूरे 90% जली हुए हालत में वह एक किलोमीटर दूर तक दौड़ती रही, तब जाकर स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस को सूचित किया गया। सफदरगंज अस्पताल में इलाज कर रहे डॉक्टरों ने भी कहा कि मरीज़ की स्थिति काफी नाज़ुक बनी हुई है, तब तक उसे वेंटीलेटर पर रखा गया था लेकिन कल रात इस बहादुर बेटी ने दम तोड़ दिया।

हैदराबाद की घटना से मेल खाती घटना

उन्नाव की घटना भी हैदराबाद की ही घटना की तरह मेल खाती है। वहां भी 4 दरिंदों ने हाईवे से कुछ किलोमीटर दूर एक डॉक्टर का बलात्कार कर जला दिया था। कल यानी 6 दिसंबर को सुबह जब खबर मिली कि एनकाउंटर में डॉक्टर के चारों गुनहगारों को हैदराबाद पुलिस ने भागने के क्रम में मौत के घाट उतार दिया है, तबसे हैदराबाद पुलिस इंटरनेट पर ट्रेंड कर रही है।

वहां मौजूद लोगों ने फूल बरसाकर पुलिस का स्वागत किया। हालांकि कुछ वर्ग के लोगों ने पुलिस के इस कदम का विरोध भी किया, वो इसे न्यायिक व्यवस्था और कोर्ट को फैसले को तव्वजो देने की बात कह रहे हैं।

वहीं अब उन्नाव की घटना को हैदराबाद की तरह लोग जोड़कर देख रहे है। लोगों का मानना है कि उसी तरीक़े से गुनहगारों को सज़ा दी जाए। इस बात का समर्थन करते हुए मायावती ने कहा कि हैदराबाद पुलिस की तरह ही उत्तर प्रदेश पुलिस को भी सख्त कदम उठाने चाहिए तभी बढ़ती रेप की घटनाएं रुक सकेंगी।

उधर हैदराबाद की डॉक्टर के पिता ने एक न्यूज़ एजेंसी को दिए बयान के मुताबिक कहा,

मेरी बेटी की मृत्यु के 10 दिन हो चुके हैं। मैं इसके लिए पुलिस और सरकार के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। मेरी बेटी की आत्मा अब शांति मिलेगी।

साल 2012 के इसी महीने में घटित हुए निर्भया कांड में निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि मैं इस सज़ा से बेहद खुश हूं। पुलिस ने एक बड़ा काम किया है और मेरी मांग है कि पुलिस कर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।

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