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12 जनवरी को दिल्ली के दिल में मनाया जाएगा ‘लिट्टी चोखा और संवाद’ त्योहार

क्या है लिट्टी चोखा और संवाद

लिट्टी चोखा दुनिया का एकमात्र ऐसा व्यंजन है, जिसे समाज के लोग साथ मिलकर बनाते हैं और बातचीत करके आपस में खाते हैं. कोई अच्छे से आटा गूंथता है, तो कोई सत्तु बनाता है, कोई अच्छे से उपले पर इसे सेंकता है. इसी दरम्यान लोक गाना, हंसी मज़ाक होते रहता है. बिहार या पूर्वांचल में इसका फ़ेमस होने के कई कारण हैं.

 

  1. लिट्टी कोई 4-5 दिन तक रख सकते हैं. जल्दी ख़राब नहीं होता है. यात्रा के दौरान आज भी लोग लिट्टी चोखा को ही साथ में ले जाते हैं.
  2. युद्ध के समय सेना इसी व्यंजन को अपने साथ रखती थी.
  3. इसे बनाने के लिए कोई बर्तन की ज़रूरत नहीं है. सिर्फ एक गमछा से ही यह व्यंजन बन जाता है.
  4. ये भोजन हमारी संस्कृति, एकता औऱ अखंडता को दर्शाता है.
  5. लिट्टी चोखा और संवाद इसी संस्कृति को पूरी दुनिया में ले जाने का काम कर रहा है.

लगातार 4 साल से ये त्योहार मना रहे हैं

 

दिल्ली में हम इसे लगातार 4 साल से मना रहे हैं. ये हमारा 5वां साल होगा. इसके ज़रिए हम समाज और देश को और ख़ूबसूरत बना रहे हैं.

 

देश के सभी हिस्सों के लोग इसमें आते हैं.

दुनिया का एक मात्र लिट्टी चोखा का त्योहार है, जहां समाज के हरेक वर्ग, देश के हरेक प्रांत से लोग आते हैं.

  1. राजनेता
  2. अधिकारी
  3. कलाकर
  4. क्षेत्रीय कलाकार
  5. वैज्ञानिक
  6. सामाजिक कार्यकर्ता
  7. छात्र
  8. कॉलेज छात्र
  9. पत्रकार
  10. बुद्धीजीवी वर्ग
  11. बिज़नसमैन
  12. फ़िल्मकार

 

यह त्योहार आम लोगों का त्योहार है

लिट्टी चोखा और संवाद एक खुला मंच है. इसमें हर कोई शामिल हो सकते हैं, हर कोई इसका हिस्सा बन सकते हैं. फ्री रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद कोई भी आ सकते हैं. यहां आपको निम्मलिखित भोजन मिलेंगे. इसके लिए कोई चार्ज नहीं है.

 

1.लिट्टी चोखा के साथ देसी घी

  1. पान (बनारसी, मगही, बंगला पत्ता)
  2. झालमूढ़ी
  3. गया का तिलकुट
  4. खोबिया का लाई
  5. चाय

 

इस बार क्या रहेगा ख़ास

 

  1. 10 हज़ार से ज़्यादा लोग रहेंगे, जिनमें देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की जनता रहेगी.
  2. 300 क्षेत्रीय कलाकार रहेंगे, जो चैता, फाग, कजरी, बिरहा गाएंगे
  3. 3 रोबोट रहेंगे, जो लिट्टी चोखा और पान खिलाएंगे, भोजपुरी और हिन्दी में बात करेंगे.
  4. बिहार के 10 बेस्ट कलाकार रहेंगे जो बिहार की संस्कृति को प्रस्तुत करेंगे
  5. स्टेज के द्वारा आए कलाकार रहेंगे, जो कविता और शायरी का पार्ट करेंगे.
  6. दिल्ली के 7 सांसदों की उपस्थिति रहेंगे, कुल 20 गणमान्य नेता रहेंगे

 

हम ग्लोबल बनाना चाहते हैं

पूर्वांचल की संस्कृति का अपना एक अलग इतिहास रहा है. मगध साम्राज्य हमारे यहां से चलता था. दुनिया का सबसे बड़ा शिक्षा का केंद्र हमारे यहां था. बहुत ऐसी चीज़ें हैं, जिनके ज़रिए हम पूरी दुनिया को अपनी कहानी बता सकते हैं.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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