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कहानी बदलाव की

बालसभा मैं प्रस्तुति देते विद्यालय के बच्चे

http://किसी एक ही समुदाय के स्कूल में जाकर मैं स्थितियां विश्लेषण कर रहा था शिक्षकों का नजरिया स्कूल और मेरे प्रति जो है उस से तालमेल बिठा कर अपने आप को अगले 15 दिनों के लिए तैयार किया जब बच्चों से बात हुई तो उनका नकारात्मक रवैया कुछ करने को लेकर मुझे अंदर से झकझोर दिया एक वक्त के लिए तो मैं खुद नकारात्मक हो गया था संयम दिखाया बात की अपनी बात रखी और स्थितियां एक हफ्ते में बदल गई इन सभी चीजों में बालगीत खेलकूद और बोलने की आजादी उन्हें देना का सबसे बड़ा योगदान था शिक्षकों का सहयोग जब आपके कार्य के प्रति शत प्रतिशत हो तो आपकी ऊर्जा और ताकत को नए पंख मिल जाते हैं स्कूल में बाल संसद का गठन और उनसे मेरी बातचीत हमारी ऊर्जा को एक दूसरे के अंदर स्थानांतरित कर रही थी पहली बाल सभा 8 बच्चों ने भाग लिया 1 हफ्ते के अथक प्रयासों और शिक्षकों की भागीदारी से कक्षाओं में जाकर सूची बनाई बाल सभा में भाग लेने वालों की संख्या 8से बढ़कर 29 हो गई जिन्होंने 40 प्रकार की प्रस्तुतियां दी इस बाल सभा से खुशी तो हुई पर वह काम अभी भी बाकी था जिसकी उम्मीद की थी फिर से अगली बालसभा की तैयारी की गई बड़ा बदलाव यह आया कि बच्चे बालसभा को समझने लगे थे रुचि लेने लगे हैं वह खुद से अपना नाम लिख आने आने लगे इस बार की बालसभा का मुख्य उद्देश्य यह भी था कि उसे पुस्तकों से जोड़ा जाए शनिवार आया बाल सभा हुई जिन्होंने अपने नाम लिख पाए थे 55 बच्चों की 50 प्रस्तुतियां लिखित में थी इनकी प्रस्तुति के बाद बालसभा को स्वतंत्र किया गया जो आना चाहते थे वह आए और बच्चों ने उत्साहपूर्वक जो नाम नहीं लिखवा पाए थे उन्होंने भी भाग लिया बालसभा एक घंटा 40 मिनट तक चली जो मेरे द्वारा देखी गई अब तक की सबसे बड़ी बालसभा थी इस बाल सभा के उद्देश्य के अनुरूप बच्चे अपनी पाठ्य पुस्तकों की कविताएं कहानी और गीतों को सुना रहे थे बालसभा को लेकर आया यह सबसे बड़ा बदलाव मुझे आनंदित और ऊर्जावान बनाता है

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