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धरती को बचाना है तो अपनाने होंगे ये उपाय

Solar panel

आप बढ़ते प्रदूषण की खबर से तो भली-भांति वाकिफ होंगे। अभी दिल्ली को गैस चैम्बर का नाम मिल गया है, क्योंकि वहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स बेहद खराब हो चुका है। इसके साथ ही देश के कई इलाकों में प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है, जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

हालांकि यह आफत लोगों ने स्वयं बुलाई है, क्योंकि कहीं-ना-कहीं इस हालत के ज़िम्मेदार हम स्वयं हैं। हमने विकास के नाम पर पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचाया है। ऐसे में ज़रूरी है, ऊर्जा के उन स्रोतों के बारे में बात की जाए, जिससे प्रदूषण में इज़ाफा नहीं होता है।

प्रदूषण बढ़ाने वाले स्रोत

उसके पहले अगर हम ऊर्जा के उन स्रोतों के बारे में बात करते हैं, जो प्रदूषण को बढ़ाने का कार्य करते हैं।

जैसे- फॉसिल फ्यूल अर्थात जीवाश्म ईंधन के प्रयोग से भी प्रदूषण का स्तर बढ़ता है। इसमें कोयला जलाकर ऊर्जा का उत्पादन करना भी शामिल है, इससे वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ता है।

आज बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए विभिन्न स्तर पर कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं, इसलिए यह बेहद ज़रूरी है कि हम ऊर्जा के ऐसे स्रोतों के बारे में भी जानें, जिनसे हमारे पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचता है। 

ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोत

1. सोलर एनर्जी अर्थात सौर ऊर्जा- 

फोटो सोर्स- flickr

सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने भी कई कदम उठाए हैं। सौर ऊर्जा का राष्ट्रीय संस्थान गुड़गाँव-फरीदाबाद रोड में स्थित है, जो सेंट्रल गुड़गाँव से लगभग 8 किमी और इंडिया गेट से लगभग 25 किमी की दूरी पर है।  

2. विंड एनर्जी अर्थात पवन ऊर्जा- 

पवन ऊर्जा। फोटो सोर्स- pexels.com

भारत में पवन ऊर्जा के विकास का काम 1990 के दशक में शुरू हुआ था और आज भारत पवन ऊर्जा के उत्पादन में चौथे स्थान पर है। 2018 के आंकड़ें के अनुसार भारत में पवन ऊर्जा की क्षमता 34,043 मेगावाट है।

3. बायो गैस-

4. जियोथर्मल पावर प्लांट

5. न्यूक्लियर पावर

6. हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर (जल विद्युत क्षमता)- 

इससे आप इस बात का अंदाज़ा लगा सकते हैं कि ऊर्जा के इन स्रोतों द्वारा हम पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं।   

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