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me too not (hindi)

 


मी टू अभियान से ऑफिस में चर्चा थी। ये अच्छा है उन लड़कियों को इज़्ज़त और लड़ने की हिम्मत मिलेगी जो इस स्तिथियों से गुज़र रही है।

सीमा चुपचाप सुन रही थी।

“अपने बॉस तो बहुत अच्छे हैं ना, बहुत इज़्ज़त करते हैं सबकी थैंक गॉड हम इस कंपनी में जॉब कर रहे हैं, क्यों सीमा?” शालिनी ने पूछा।

 

“हम्म बॉस ठीक हैं” सीमा कुछ सोचते हुए बोली।

“यार ये सीमा को क्या हुआ? कोई नया बॉयफ्रेंड मिल गया क्या जो खो गई है, पूजा बता न”, शालिनी ने उत्सुकता से पूछा।

“यार क्या पता मैं सीमा की बेस्ट फ्रेंड ज़रूर हूँ पर आधी सीक्रेट्स तो वो मुझे भी नहीं बताती,” बॉस की फेवरेट भी है, बॉस को वो बहुत पसंद करती है, हो सकता है सोच रही हो बॉस को पटाने के लिए हाहाहा पूजा ने चुटकी ली।”

“यार बॉस बहुत स्मार्ट हैं लेकिन सीधे भी बहुत हैं, बेचारे अपनी मम्मी को देखते हैं और पूरी घर की ज़िम्मेदारी भी संभालते हैं।” पूजा बोली।

“सर आज शाम को आपकी दो मीटिंग्स है” सीमा ने मुस्कुराते हुए कहा।

“हम्म आज तो घर पे गेस्ट आ रहे हैं सीमा मैं नहीं कर सकता ये मीटिंग्स, तुम ऐसा करो कल का रख दो या फिर एक काम करो मेरी जगह तुम देख लो आज की मीटिंग्स वो पिछली मीटिंग्स तुमने हैंडल की थी बहुत अच्छा रिस्पांस था कंपनी से।”

“ओह्ह रियली सर आपको मेरा काम अच्छा लगता है?” सीमा ने हल्की टेढ़ी नज़र से मुस्कुराते हुए कहा। “हाँ बिल्कुल तुम बहुत मेहनती हो,” सुबोध ने मुस्कुराते हुए कहा।

इतना कहते ही सीमा ने झट से बॉस का हाथ पकड़ लिया। सुबोध हड़बड़ा गया।

“सीमा ये क्या मज़ाक है ?” सुबोध ने गुस्से में कहा।

“सर आप समझते क्यों नहीं मैं पहले भी आपको समझा चुकी हूँ कि मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ।”

“सीमा मैंने तुम्हें पहले भी वार्निंग दी थी कि, ये सब करोगी तो नौकरी से हाथ धो बैठोगी तुम बहुत ज़्यादा परेशान थी इसलिए इस जॉब पे रखा था तुम को।”

“सर अभी भी बहुत परेशान हूँ, आप शादी कर रहे हैं न सर सच बताईये आपको आज लड़की वाले देखने आ रहे हैं न आपकी मम्मी का फोन मैंने उठाया था सर।”

“तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है सीमा, तुम पागल हो गई हो। हट जाओ।”

“नहीं सर पूरा ऑफिस जानता है कि मैं आपकी फ़ेवरिट हूँ, कुछ तो बात होगी मुझ में सर, क्यों हूँ आपकी फ़ेवरिट ? ऐसा तो नहीं आपसे कोई खास रिश्ता है मेरा जो किसी को न पता हो।”

“शट अप दिमाग खराब हो गया है तुम्हारा” सुबोध ने सीमा को ज़ोर का धक्का दिया। वो छटाक से दरवाजे से टकरा गई।

 

ऑफिस स्टाफ खड़ा था सब देखने लगे आखिर ये क्या हो रहा है।

सीमा ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी “सर सुबोध सर मेरी इज़्ज़त पे हाथ डाल रहे थे। बचाओ मुझे आपलोग ,प्लीज आपलोग देखिए बॉस कितने घटिया हैं।”

“ये क्या बोल रही हो सीमा तुम।”

पूरा ऑफिस तमाशा देख रहा था। केस दर्ज हुआ और सुबोध के ऊपर मुकदमा दायर हुआ। “सीमा ये क्या कर रही है तू? बॉस के साथ, उनकी मम्मी के बारे में सोच इस एक तरफा प्यार से क्या हासिल होगा तुझे ?” पूजा ने सीमा से कहा।

“सुबोध की हिम्मत कैसे हुई मुझे रिजेक्ट करने की, मेरे प्यार को ठुकराने की देख पूजा किसी को तू कुछ नहीं बोलेगी तुझे सब पता है सुबोध जबतक मुझसे शादी के लिए हाँ नहीं बोलेगा उसे ऐसे ही बदनाम करती रहूंगी।” “देख सीमा, मैं मानती हूँ मैं तेरी बेस्ट फ्रेंड हूँ, और ये भी मानती हूँ कि तू बॉस को पसंद करती है लेकिन इस तरह से ज़बरदस्ती हम किसी को अपना नहीं बना सकते हैं आज शाम की हियरिंग में बॉस के पक्ष में ऑफिस के 5 लोग गवाही दे रहे हैं जिनमें एक मैं भी हूँ, मैं तेरा साथ सच में हमेशा हूँ लेकिन झूठ में नहीं बॉस बेगुनाह है और तेरा प्यार एक पागलपन। एक लड़की होने का गलत फायदा मत उठा।” पूजा उससे ये सब बोल के कोर्ट चली जाती है जहाँ ऑफिस के बाकी लोग भी सुबोध के पक्ष में खड़े रहते हैं।

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