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क्या आपको मालूम है सैनिटरी पैड्स के तीन सस्ते विकल्प क्या हैं?

प्रतीकात्मक तस्वीर। फोटो साभार- Flickr

प्रतीकात्मक तस्वीर। फोटो साभार- Flickr

आमतौर पर देखा जाए तो सैनिटरी पैड्स की कीमत ज़्यादा होती है, जिस कारण अनेक महिलाओं को उसे खरीदने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सच्चाई तो यह है कि अधिकांश महिलाएं पैड्स खरीदती ही नहीं हैं। पीरियड्स के दौरान कई महिलाएं पैसों की तंगी की वजह से एक ही सैनिटरी पैड को लंबे वक्त तक यूज़ करती हैं, जिस कारण उन्हें बीमारियां भी हो जाती हैं।

पैड्स में मौजूद क्लोरीन डाइऑक्साइड (ClO2) महिलाओं के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। हालांकि पैड्स में इसका इस्तेमाल माइक्रोबियल इन्फेक्शन से बचने के लिए किया जाता है, क्योंकि पीरियड्स के वक्त आने वाले ब्लड में एक महक होती है, जिसे पैड्स में मौजूद सुगन्ध कम कर देती है। यह महक बल्ड में मौजूद बैक्टीरिया और खून के कारण होती है।

कुछ महिलाओं में यह मछली की महक जैसी होती है, जिसे बिना नज़रअंदाज़ किए डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।

कुछ बेहतर विकल्प

मेन्स्ट्रुअल कप। प्रतीकात्मक तस्वीर। फोटो साभार- Flickr

आज महिलाओं की इन समस्याओं और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए बाज़ार में कई तरह के प्रोडक्ट्स मौजूद हैं, जिनके इस्तेमाल से महिलाओं को पीरियड्स के वक्त परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह बिल्कुल इको-फ्रेंडली है।

यह सिलिकॉन से बना एक फनल होता है, जिसे वजाइना के अंदर डाला जाता है। हालांकि इसे किस तरह से इन्सर्ट करना है, इसकी जानकारी महिलाओं को होनी चाहिए। यह वजाइना से निकलने वाले खून को एक जगह इकट्ठा करता है। यह कप लगभग 25-30 मिली लीटर खून को कलेक्ट कर सकता है और इसे आप 12 घंटे तक इस्तेमाल कर सकती हैं, क्योंकि इसे बार-बार बदलने की नौबत नहीं आती है।

आप इसे गरम पानी से धोकर साफ कर सकती हैं, जिससे यह लंबे समय तक यूज़ किया जा सकता है। यह हर तरह के केमिकल और महक से दूर होता है, जिस कारण यह एक सेफ प्रोडक्ट है।

टैम्पून- 41 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं के लिए यह एक सेफ प्रोडक्ट है, क्योंकि इसके इस्तेमाल से शारीरिक गतिविधियों में कोई रूकावट नहीं होती है। इसे हर 4 से 8 घंटे में बदलने की सलाह दी जाती है। इसके उपयोग में कुछ बातें ध्यान देने योग्य हैं, वो यह कि सिंथेटिक टैम्पून का इस्तेमाल करने से यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन होने का डर रहता है।

क्लॉथ पैड- रि-यूज़ेबल क्लॉथ पैड सैनिटरी पैड्स और टैम्पून से बेहतर विकल्प होते हैं, क्योंकि यह ईको-फ्रेंडली होने के साथ स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अच्छा होता है।

जिन महिलाओं को एलर्जी की समस्या है, वे इसका इस्तेमाल कर सकती हैं क्योंकि आराम और स्वास्थ्य के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहिए। इसकी कीमत, साइज़, सोखने की प्रवृति आदि पर निर्भर करती है।

महत्वपूर्ण बातें

इन सभी गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरे को पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले लैंडफिल में फेंक दिया जाता है। बेहतर यही है कि महिलाएं अपने स्वास्थ्य और पर्यावरण को ध्यान में रखकर निर्णय लें।

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