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क्या भगवान भी गरीब और अमीर होते हैं ?

एक प्रश्न बहुत हताश कर रहा है कि जिस भगवान की लोग पूजा करते है जिस भगवान की मूर्ति के लिए मन्दिर बनते है जिस भगवान के लिए ए सी लगाए जाते है उनके प्रतिदिन कपड़े भी बदले जाते है जो प्रसाद खाते नही है लेकिन उनको प्रसाद खिलाया जाता है सबकुछ ठीक है सबकी अपनी श्रध्दा होती है लेकिन मुझे एक बात समझ ये नही आती है की अगर वही भगवान की मूर्ति हल्की सी टूट जाती है तो उसे रोड किनारे कही किसी पेड़ के नीचे रख आते है नही तो नहर किनारे डाल आते है आज़ तो हद हो गयी मैने ये भी देखा की एक पेड़ के नीचे बहुत सारे भगवान की मूर्ति फोटो पड़ी थी वही पर एक कुत्ता आया और मूत्र करके चला गया क्या यही इज्जत है भगवान की क्या ये अपमान नही है । ऐसे मूर्ति पूजा करना क्या सह़ी है ।                   एक बार अगर हल्का सा कपड़ा फट जाता है तो लोग उसे सिलवा लेते है और अगर भगवान की मूर्ति टूट जाती है थोड़ी सी तो वही मूर्ति अशुभ मानकर बाहर रख आते है ये बिल्कुल सह़ी नही है एक भगवान को आप ए सी मे रखते है और वही भगवान को आप रोड किनारे रख आते है । मतलब कहीं न कहीं इसका मतलब यह हो रहा है कि भगवान भी दो तरह के होते हैं गरीब और अमीर ये बहुत ज्यादा गलत है । एक बार जरूर विचार करे।

 

शुभम द्विवेदी की कलम से

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