कुछ दिन पहले ही बैंकों को कहा गया कि सुझाव दें कि कैसे देश की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन इकॉनोमी बने, जो कि वर्तमान में 2.7 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था है। देश के बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने यह सपना देश के लिए देखा, जिसे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लालकिले से दोहराया।
यह सपना देश को वित्तीय प्रगति की तरफ लेकर जाएगा। हमारा देश युवाओं का देश है, जहां 65 % आबादी युवाओं की है लेकिन सरकारी श्रम आंकड़ों के पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) के आंकड़ों के अनुसार यह 4.54 करोड़ युवा बेरोजगार है जिसमे 1.50 युवा के पास उच्च शिक्षा है जो अपनी सेवाएं देना चाहता है रोजगार की उम्मीद लगाए सरकारों की तरफ टकटकी नज़र से देख रहा है जिसमे देश की गिरती अर्थव्यवस्था जिम्मेदार है देश की जी डी पी को देखा जाए तो वर्ष 16- 17 में 8.17, 17 – 18 में 6.8 , और 18- 19 में अभी तक 5.8 है वैसे ज्ञात हो कि आर बी आई, ने इस वर्ष के जी डी पी को 7.2 से घटा कर 6.9 को प्राप्त करने की उम्मीद जताई है और लगभग सभी एजेंसीयों ने जैसे कि आई एम एफ, ए डी बी ने भी जी डी पी की यही उम्मीद जताई है देश मंदी की मार वैसे ही झेल रहा है अगर आंकड़ो की माने तो, स्थिति और बुरी हो सकती है जिसका मुख्य कारण है गिरती अर्थव्यवस्था, मांग की कमी, मानसून, पैसे की कमी, लोगो के बचत का खर्च बड़ना है वही अगर इसे अलग अलग इंडस्ट्री पे नज़र डालें तो शुरू करते है ऑटोमोटिव इंडस्ट्री से जो पिछले 12 महीनों से मंदी की मार झेल रहा है अब तक 300 डीलर अपनी शोरूम में ताले लगा चुके है जिसके वजह से 2 लाख लोगों की नौकरी जा चुकी है वैसे देश मे लगभग 26000 शोरूम तथा 15000 छोटे डीलर है और सभी की बिक्री में 30 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है एक्सपर्ट और इंडस्ट्री के लोगो की माना जाए तो इस साल के अंत तक 10 लाख लोगों की नौकरी जाने की संभावना है अब तक 3.5 लाख लोगों की नौकरी ऑटोमोबाइल सेक्टर में जा चुकी है महिंद्रा एंड महिंद्रा के मैनेजिंग डायरेक्टर पवन गोयनका का कहना है कि वो अपनी कंपनी में 15 से 20 प्रतिशत तक इन्वेस्टमेंट में कमी लाने जा रहे है जिसका मुख्य कारण है बिक्री में गिरावट , उनके अनुसार कई डीलर और ओ ई एम बंदी की मार झेल सकते है वही ऑटोमोबाइल कंपोनेंट मनुफैक्टर्स एसोसिएशन के महा निदेशक विनी मेहता के अनुसार ऑटोमोबाइल सेक्टर मंदी की मार झेल रहा है एल एन्ड टी के चेयरमैन के अनुसार मेक इन इंडिया की स्थिति अछि नही है हम इम्पोर्ट ज़्यादा कर रहे है अपने रोज़गार बाजार को बाहर के देशों को दे रहे है वैसे हर साल 10 लाख लोग नौकरी के लिए हर साल बाजार में आ रहे है और स्वतः एक सवाल उठता है कि 40 लाख लोग जिन्हें नेशनल स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग दी गयी उनको रोज़गार के मौके क्यों नही दिए जा रहे है वैसे ट्रेनिंग पाए 12 प्रतिशत लोग ही कही न कही काम कर रहे है राऊटर के अनुसार ऑटोमोबाइल सेक्टर में 37 प्रतिशत लोगो की नौकरी जाएगी है जमशेदपुर की टाटा मोटर्स ने अपनी प्रोडक्शन बंद कर दी है जिसके वजह से उसे कॉम्पोनेन्ट सप्लाई करने वाली 30 कंपनी भी झारखंड की बंद हो चुकी है जिसमे 13 कंपनियां रामगढ़ जिला की है और इन 30 कंपनियों के बंद होने से लगभग 2 लाख लोगों की नौकरियां भी जा चुकी है वही हिंडाल्को इंडस्ट्रीज ने अपनी प्रोडक्शन कम की है जहाँ पर 1.5 लाख लोगों की नौकरियों पे खतरा मंडरा रहा है अब जरा नज़र टेक्सटाइल इंडस्ट्री पे डाले तो यहाँ भी हालत ठीक नही है लगभग 25 लाख लोगों की नौकरियां खतरे में है यह बातो में दम तब लगता है जब फरीदाबाद टेक्सटाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल जैन कहते है कि 25 लाख लोगों की नौकरियां जा सकती है क्यों कि कॉटन यान का 35 प्रतिशत प्रोडक्शन कम हुआ है टेक्सटाइल इंडस्ट्री पे यह मार मुख्यतः मांग,जी एस टी , और पड़ोसी देशों का सस्ता सप्लाई के कारण है वही हालात कमोबेश एफ एम सी जी, पावर , रियल स्टेट , बैंकिंग, एग्रीकल्चर की भी है
*पड़ लिख कर क्या करेगा ऐ युवा ,वतन की फिक्र कर मुश्किलें आने वाली है*
बीते शनिवार और रविवार को बैंकों को कहा गया कि सुझाव दे कैसे देश की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन इकॉनमी बने जो कि वर्तमान में 2.7 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था है देश के बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने यह सपना देश के लिए देख जिसे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने लालकिला से दुहराया जो देश को वित्तिय प्रगति के तरफ लेकर जाएगा चूंकि हमारा देश युवाओं का देश है 65प्रतिशत आबादी युवा है और पीरियोडिक लेबर फ़ोर्स ह्यूमन रेसौस के आंकड़े के अनुसार यह 4.54 करोड़ युवा बेरोजगार है जिसमे 1.50 युवा के पास उच्च शिक्षा है जो अपनी सेवाएं देना चाहता है रोजगार की उम्मीद लगाए सरकारों की तरफ टकटकी नज़र से देख रहा है जिसमे देश की गिरती अर्थव्यवस्था जिम्मेदार है देश की जी डी पी को देखा जाए तो वर्ष 16- 17 में 8.17, 17 – 18 में 6.8 , और 18- 19 में अभी तक 5.8 है वैसे ज्ञात हो कि आर बी आई, ने इस वर्ष के जी डी पी को 7.2 से घटा कर 6.9 को प्राप्त करने की उम्मीद जताई है और लगभग सभी एजेंसीयों ने जैसे कि आई एम एफ, ए डी बी ने भी जी डी पी की यही उम्मीद जताई है देश मंदी की मार वैसे ही झेल रहा है अगर आंकड़ो की माने तो, स्थिति और बुरी हो सकती है जिसका मुख्य कारण है गिरती अर्थव्यवस्था, मांग की कमी, मानसून, पैसे की कमी, लोगो के बचत का खर्च बड़ना है वही अगर इसे अलग अलग इंडस्ट्री पे नज़र डालें तो शुरू करते है ऑटोमोटिव इंडस्ट्री से जो पिछले 12 महीनों से मंदी की मार झेल रहा है अब तक 300 डीलर अपनी शोरूम में ताले लगा चुके है जिसके वजह से 2 लाख लोगों की नौकरी जा चुकी है वैसे देश मे लगभग 26000 शोरूम तथा 15000 छोटे डीलर है और सभी की बिक्री में 30 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है एक्सपर्ट और इंडस्ट्री के लोगो की माना जाए तो इस साल के अंत तक 10 लाख लोगों की नौकरी जाने की संभावना है अब तक 3.5 लाख लोगों की नौकरी ऑटोमोबाइल सेक्टर में जा चुकी है महिंद्रा एंड महिंद्रा के मैनेजिंग डायरेक्टर पवन गोयनका का कहना है कि वो अपनी कंपनी में 15 से 20 प्रतिशत तक इन्वेस्टमेंट में कमी लाने जा रहे है जिसका मुख्य कारण है बिक्री में गिरावट , उनके अनुसार कई डीलर और ओ ई एम बंदी की मार झेल सकते है वही ऑटोमोबाइल कंपोनेंट मनुफैक्टर्स एसोसिएशन के महा निदेशक विनी मेहता के अनुसार ऑटोमोबाइल सेक्टर मंदी की मार झेल रहा है एल एन्ड टी के चेयरमैन के अनुसार मेक इन इंडिया की स्थिति अछि नही है हम इम्पोर्ट ज़्यादा कर रहे है अपने रोज़गार बाजार को बाहर के देशों को दे रहे है वैसे हर साल 10 लाख लोग नौकरी के लिए हर साल बाजार में आ रहे है और स्वतः एक सवाल उठता है कि 40 लाख लोग जिन्हें नेशनल स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग दी गयी उनको रोज़गार के मौके क्यों नही दिए जा रहे है वैसे ट्रेनिंग पाए 12 प्रतिशत लोग ही कही न कही काम कर रहे है राऊटर के अनुसार ऑटोमोबाइल सेक्टर में 37 प्रतिशत लोगो की नौकरी जाएगी है जमशेदपुर की टाटा मोटर्स ने अपनी प्रोडक्शन बंद कर दी है जिसके वजह से उसे कॉम्पोनेन्ट सप्लाई करने वाली 30 कंपनी भी झारखंड की बंद हो चुकी है जिसमे 13 कंपनियां रामगढ़ जिला की है और इन 30 कंपनियों के बंद होने से लगभग 2 लाख लोगों की नौकरियां भी जा चुकी है वही हिंडाल्को इंडस्ट्रीज ने अपनी प्रोडक्शन कम की है जहाँ पर 1.5 लाख लोगों की नौकरियों पे खतरा मंडरा रहा है अब जरा नज़र टेक्सटाइल इंडस्ट्री पे डाले तो यहाँ भी हालत ठीक नही है लगभग 25 लाख लोगों की नौकरियां खतरे में है यह बातो में दम तब लगता है जब फरीदाबाद टेक्सटाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल जैन कहते है कि 25 लाख लोगों की नौकरियां जा सकती है क्यों कि कॉटन यान का 35 प्रतिशत प्रोडक्शन कम हुआ है टेक्सटाइल इंडस्ट्री पे यह मार मुख्यतः मांग,जी एस टी , और पड़ोसी देशों का सस्ता सप्लाई के कारण है वही हालात कमोबेश एफ एम सी जी, पावर , रियल स्टेट , बैंकिंग, एग्रीकल्चर की भी है