ज़िंदगी में दोस्ती बहुत ज़रूरी है। सच्ची दोस्ती ज़िन्दगी को बना देती है और कपटी दोस्ती बनी हुई ज़िन्दगी को मिटा देती है। आजकल सच्ची दोस्ती होना बड़ा मुश्किल हो गया है। सच्चे दोस्त बड़ी मुश्किल और बहुत देर से मिलते हैं। ये दोस्त बन तो जल्दी जाते हैं लेकिन इनके सच्चे होने की परख बहुत दिनों बाद होती है।
इसलिए मैं कहता हूं कि सच्चे दोस्त बहुत देर से मिलते हैं।
सच्चे और कपटी दोस्तों में से हमें ही सच्चे दोस्तों की परख करनी होती है। हम सच्चे दोस्तों की परख बहुत दिनों बाद करते हैं लेकिन उनके साथ रहने से परख जल्दी हो जाती है कि वे सच्चे हैं या कपटी।
कौन होता है दोस्त?
एत दोस्त वह होता है, जो आपके दोष यानि कमियां बताए। आज के समय में मुझे यह मतलब सही नहीं लगता क्योंकि आजकल कई ऐसे दोस्त भी होते हैं, जो आपमें कमियां ही निकालते रहते हैं और आपको हतोत्साहित करते रहते हैं। ज़रूरी नहीं कि आपमें वह सारी कमियां हो जिसे आपके दोस्त गिनाते रहते हैं।
कभी-कभी आपमें कमियां नहीं होती हैं। वे आपसे ईर्ष्या करते हैं और आपसे जलते हैं। वे आपकी प्रगति को नहीं देखना चाहते इसलिए आपकी निंदा करते हैं। वे आपकी निंदा इस तरह करते हैं कि आपके सही और रचनात्मक कार्य को भी गलत ठहरा देते हैं।
फिर एक समय बाद आपको भी अपने कार्य से नफरत होने लगती है। अपने कार्य से नफरत करना बहुत गलत है। जब आप स्वयं से ही सहमत नहीं हैं, तो भला आप दूसरों से कैसे सहमत हो सकते हैं।
आप हमेशा स्वयं से सहमत रहिए और हमेशा यह मानकर काम कीजिए कि मैं जो कर रहा हूं वह सही है और मैं सही हूं। तभी आप सार्थक बन पाओगे और ज़िन्दगी में अच्छा कर पाओगे।
इस संदर्भ में मैं कहता हूं,
आपके बारे में दुनिया क्या बोलती है, यह मायने नहीं रखता। आपकी अन्तर्रात्मा जो बोलती है, वह मायने रखता है
किन दोस्तों से दूर रहना चाहिए
ऐसे दोस्त जो आपमें हर समय कमियां निकालते रहते हैं और आपके हर काम में दखल देते रहते हैं, आपको कोई भी काम आपके मन से नहीं करने देते हैं और अपनी सलाह आप पर थोपते हैं, तो आपको ऐसे दोस्तों की कोई भी बात नहीं माननी चाहिए।
इनसे दूरियां बनाना ही हितकर है क्योंकि ये “मुंह में राम बगल में छुरी” नामक कहावत को चरितार्थ करते हैं। ऐसे दोस्त कपटी दोस्त कहलाते हैं। जो खुद तो कुछ नहीं करते और दूसरों को भी कार्य करने नहीं देना चाहते।
ऐसे दोस्तों से सावधान रहिए। कपटी दोस्त आपको कई बार ठगते हैं और आपको धोखा देते हैं। कोई रचनात्मक कार्य करते आप हैं लेकिन उसका श्रेय वे खुद लेना चाहते हैं। कभी-कभी वे आपको धमकाते भी हैं। उनसे कदापि मत डरिए। उनका साहस से सामना कीजिए।
एक समय बाद आपको पता चल जाता है कि इसने मुझे धोखा दिया है। तो उसी समय से उस धोखेबाज़ से दोस्ती तोड़ दीजिए। उससे ज़िंदगी में पुनः दोस्ती मत कीजिए, चाहे कुछ भी हो।
इस संदर्भ में मैंने लिखा है,
यदि आपका कोई मित्र धोखा देता है और मूर्ख बनाता है लेकिन फिर भी आप उससे मित्रता रखते हैं तो यह आपकी सबसे बड़ी मूर्खता और जीवन की सबसे बड़ी भूल होगी। यदि कपटी दोस्त से दुश्मनी भी हो जाए तो चिंतित मत होईए और ज़्यादा खुश रहिए।
चाणक्यनीति में आचार्य चाणक्य ने कहा है,
कामयाब होने के लिए अच्छे दोस्तों की आवश्यकता होती है और ज़्यादा कामयाब होने के लिए अच्छे शत्रुओं की आवश्यकता होती है।
ऐसे दोस्त जो आपके रचनात्मक कार्य की प्रशंसा करते हैं। यदि उस कार्य में कहीं सुधार की ज़रूरत होती है तो वे ज़रूरत पूरी करते हैं। वे दोस्त जो हर समय आपको प्रोत्साहित करते रहते हैं और आपको पूरे मन से काम करने को कहते हैं। जो काम आप मन से करते हो, उसमें पूरी लगन और जोश लगा देते हैं। ऐसे दोस्त आपको सलाह देते हैं परंतु उसे मानने के लिए बाध्य नहीं करते। वो दोस्त जो ज़रा-ज़रा सी बात पर बुरा नहीं मानते।
ऐसे दोस्त अगर बुरा मान भी जाते हैं तो उन्हें मना लेना चाहिए। ये आपके कार्य में सहयोगी बनते हैं और ज़रूरत पड़ने पर हर प्रकार से यानि तन, मन और धन से मदद करते हैं। ये दोस्त आपकी खुशी को अपनी खुशी और दुःख को अपना दुःख समझते हैं। वे आपको अपने भाई – बहन जैसा प्यार देते हैं। ऐसे दोस्त ‘सच्चे दोस्त’ कहलाते हैं।