हमेशा प्रदूषित रहने वाली दिल्ली अभी 3 अक्टूबर तक प्रदूषण मुक्त रहने वाली है, जो दिल्ली वासियों के दिल को सूकुन पहुंचाने वाली खबर है। भारतीय मौसम विभाग ने यह दावा किया है कि आने वाले कुछ समय, मतलब 3 अक्टूबर तब मौसम साफ रहेगा और स्वच्छ हवा चलेगी।
आखिर हो भी क्यों ना स्वच्छ वातावरण में रहने का अधिकार हर किसी को है। अब लोगों को मास्क पहनकर घूमना नहीं पड़ेगा और वह खुली हवा में सांस ले सकेंगे।
क्या वजह है इस साफ हवा की?
इसके पीछे का कारण जो सामने आता है, वह है दिल्ली के आसपास बसे राज्यों में होने वाली वर्षा। जिसकी वजह से एयर क्वालिटी इंडेक्स अर्थात वायु गुणवत्ता सूचकांक में दिल्ली को 63 अंक मिले।
देखा जाए तो यह एक संतोष पहुंचाने वाला आंकड़ा है क्योंकि प्रदूषण और क्लाइमेट चेंज की मार झेल रहे लोगों के लिए यह एक बहुत बड़ी राहत की खबर है।
सीपीसीबी (Central Pollution Control Board) द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार पिछले 6 दिनों से दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक में यह आंकड़ा 100 के नीचे है। अगर यह आंकड़ा 50 के नीचे हो तो बहुत अच्छा, 51-100 के बीच हो तो संतोषप्रद और 101-200 के बीच हो तो मध्यम माना जाता है।
वायु की गुणवत्ता बढ़ाने वाले कारकमनुष्य बिना हवा के एक पल भी नहीं रह सकता लेकिन अगर हवा ही प्रदूषित हो तो व्यक्ति गंभीर बीमारियों की चपेट में भी आ सकता है। आजकल लोग अपने घरों में हवा प्यूरिफाई करने वाली मशीन लगा रहे हैं, जो हवा को साफ करती है, मगर हवा प्राकृतिक तरीकों से साफ हो तो वह ज़्यादा बेहतर होती है। जैसे-
- प्रदूषित कणों को बहाकर ले जाने वाली तेज़ हवाएं।
- आसपास के इलाकों में होने वाली बारिश।
- नमी लिए बहने वाली पूर्वर्ती हवाएं भी अधिक बारिश का कारण बनती हैं।
इसके साथ ही मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले दिनों में दिल्ली में अच्छी बारिश देखने को मिलेगी।
सरकार की भागीदारी
दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने के ओर प्रयास करने में सरकार के साथ लोगों की भी अहम भूमिका रही है। जैसे-
- दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए ऑड-इवन लाना।
- कोर्ट का प्रदूषण से बचने के लिए सख्त फैसला देना।
लोगों ने भी अपनी तरफ से ज़िम्मेदारियों को निभाते हुए हर संभव प्रयास किए हैं। जैसे-
- पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करना।
- साइकिल चलाना।
- ज़्यादा से ज़्यादा सीएनजी की गाड़ियों का इस्तेमाल करना।
- दिल्ली में सूखे पत्तों या कचड़ों में आग लगाने पर 10,000 रूपए का जुर्माना तय किया गया है, जो बेहद सराहनीय कदम है।
- ज़्यादा से ज़्यादा सोलर पैनल का इस्तेमाल करना। जिससे वातावरण में प्रदूषण की मात्रा घटेगी।
- गाड़ियों में अच्छे पेट्रोल-डीजल का इस्तेमाल करना, जिसमें लीड की मात्रा ना हो।
बेहतर यही होगा कि इस बयार को बरकरार रखने के प्रयास किए जाते रहें और पूरे वातावरण को स्वच्छ रखने की दिशा में कदम बढ़ाते रहें।