रेप के आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता स्वामी चिन्मयानंद को कई दिनों की जद्दोज़हद के बाद SIT(स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम) और यूपी पुलिस द्वारा शुक्रवार सुबह उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया।
उसके बाद स्वामी को कड़ी सुरक्षा के बीच जुडिशल कोर्ट में पेश किया गया। जिसके बाद अदालत ने स्वामी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में शाहजहांपुर जेल भेजने का आदेश दिया है।
क्या है मामला?
आपको बता दें कि स्वामी चिन्मयानंद पर उनके ही कॉलेज में पढ़ने वाली एक लॉ की छात्रा ने यौन शोषण और बलात्कार का आरोप लगाया था। छात्रा का आरोप था कि स्वामी चिन्मयानंद ने उसका बलात्कार किया था। छात्रा ने बताया कि करीब एक साल तक उसका गनपॉइंट पर यौन उत्पीड़न किया गया।
SIT के चीफ नवीन अरोड़ा का कहना है कि स्वामी ने यौन उत्पीड़न व बॉडी मसाज कराने समेत अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया है और साथ ही चिन्मयानंद ने कहा कि वह और कुछ नहीं कहना चाहते क्योंकि वह बहत शर्मिंदा हैं।
हैरान करने वाली बात यह है कि SIT जांच के दो हप्ते बाद भी स्वामी के खिलाफ बलात्कार की धाराओं में केस दर्ज नहीं हुआ और ना ही उसको गिरफ्तार किया गया था। मीडिया से बात करते वक्त छात्रा ने बताया कि पुलिस स्वामी के प्रति सबूत ढूंढने की बजाए मेरे प्रति सबूत ढूंढ रही हैं। शायद इसलिए उसके बजाए मुझसे बार-बार सवाल पूछे जा रहे हैं, ताकि मुझे गलत साबित करके मेरे केस को कमज़ोर बनाया जाए।
छात्रा ने कहा,
सोशल मीडिया पर लगभग 28 वीडियो हैं। क्या ये काफी नहीं हैं स्वामी को गिरफ्तार करने के लिए? अब किस चीज़ का इंतज़ार किया जा रहा है? उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है?
छात्रा ने इन सबसे तंग होकर कहा,
क्या मैं खुद को आग लगा लूं तब सरकार को पता लगेगा कि मेरे साथ गलत हुआ अगर सरकार इसकी इंतज़ार कर रही है तो मुझे ऐसे ही बता दे, मैं खुद को आग लगा लेती हूं।
बता दें कि छात्रा की आत्मदाह करने की धमकी और मीडिया के दबाव के बाद पुलिस और सरकार दोनों हरकत में आई फिर उसके बाद स्वामी को गिरफ्तार कर लिया गया।
छात्रा भी हो सकती है गिरफ्तार
खबरों की मानें तो विशेष जांच दल (एसआईटी) के सूत्रों ने यह जानकारी दी है कि छात्रा को भी जल्द गिरफ्तार किया जा सकता है क्योंकि छात्रा पर चिन्मयानंद से उसके दोस्तों द्वारा रंगदारी मांगने की साजिश में शामिल होने का आरोप है।
बता दें कि चिन्मयानंद से जबरन धन वसूलने के लिए छात्रा के दोस्त संजय सिंह तथा दो चचेरे भाइयों सचिन और विक्रम ने चिन्मयानंद को फोन किया था और लाखों रुपये की मांग की थी। शुक्रवार को चिन्मयानंद को गिरफ्तार किए जाने और जेल भेजे जाने के कुछ ही घंटों के बाद ही इन तीनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
खबरों की मानें तो चूंकि जांच के सभी आदेश शीर्ष अदालत ने दिए थे इसलिए एसआईटी, छात्रा को गिरफ्तार करने से पहले कोर्ट को सूचित कर सकती है।
एसआईटी के आईजी अरोड़ा ने यह भी बताया कि छात्रा के तीनों साथियों ने स्वामी चिन्मयानंद से पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने की बात कबूली है। तीनों ने वायरल वीडियो में खुद के होने की बात भी स्वीकार की है।
शुरुआत से देखें तो यह केस पेचीदा होते नज़र आ रहा है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या छात्रा सच में स्वामी से रंगदारी मांगने वाले मामले में शामिल थी या नहीं? स्वामी को उसके किए की सज़ा मिलती है या नहीं? यह तो तब पता चलेगा जब कोर्ट अपना अंतिम फैसला सुनायेगी।
वीडियो बनाने के पीछे क्या है छात्रा की मंशा?
वीडियो बनाने के मामले में लड़की का कहना है,
स्वामी चिन्मयानंद ने मेरी विवशता का फायदा उठाकर धोखे से मेरा नहाते वक्त का वीडियो बनाया, फिर उससे ब्लैकमेल करके मेरा रेप किया और फिर उसका भी वीडियो बनाकर मेरा एक साल तक शोषण करते रहे। मुझे लगा कि इनको इसी तरह से जवाब दिया जा सकता है क्योंकि इनसे लड़ने की ना तो मेरी हैसियत थी और न ही मुझमें ताकत थी।
बीबीसी को दिए एक साक्षात्कार में छात्रा ने बताया,
मैंने उसी कॉलेज में लॉ की पढ़ाई भी की है लेकिन तब तक कुछ पता नहीं था। एलएलएम में एडमिशन के लिए जब मैं कॉलेज के प्रिंसिपल के कहने पर चिन्मयानंद से मिली, तो उसके बाद से मैंने इनका असली चेहरा देखा।
वह आगे बताती हैं,
शाहजहांपुर में मैं चाहॉकर भी प्रशासन या पुलिस से इनकी शिकायत कर नहीं सकती थी क्योंकि वे लोग तो खुद ही आश्रम में इनके पास आशीर्वाद लेने आते थे। फिर मेरे दोस्त ने मुझे यह तरीका सुझाया और मैंने ऑनलाइन कैमरा मंगाकर वीडियो बनाया।
फिर स्वामी की सच्चाई लोगों के सामने लाने के लिए छात्रा ने वह वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दिया। जो कि बहुत ही ज़्यादा वायरल हो गया।
चिन्मयानंद पर इससे पहले भी ऐसे कई इल्ज़ाम लग चुके हैं जैसे कि साल 2011 में भी चिन्मयानंद के खिलाफ शाहजहांपुर में उनकी पूर्व शिष्या साध्वी ने रेप का केस दर्ज कराया था। साध्वी का कहना था कि वह जब स्वामी के साथ थी तब उन्होंने बलात्कार किया था।
कौन है स्वामी चिन्मयानंद?
स्वामी चिन्मयानंद का असली नाम चिन्मयानंद नहीं “कृष्णपाल सिंह” है। यह उत्तर प्रदेश के गोंडा के रहने वाले हैं। अयोध्या मंदिर आंदोलन में चिन्मयानंद बड़े नेताओं में शुमार थे। उसके बाद बीजेपी सरकार में चिन्मयानंद को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बनाया गया था।
साल 1991 में चिन्मयानंद पहली बार बीजेपी के टिकट पर उत्तर प्रदेश की बदायूं लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। उसके बाद साल 1998 में मछली शहर और 1999 में जौनपुर से भी सांसद चुने गए।
यही नहीं साल 2017 में विधानसभा चुनाव के दौरान चिन्मयानंद योगी आदित्यनाथ को सीएम बनाने की वकालत भी कर रहे थे। चिन्मयानंद गोरखपुर की गोरक्षा पीठ के महंत और पूर्व सांसद अवैद्यनाथ के काफी करीबी थे। शायद यही कारण हो सकता है कि चिन्मयानंद के योगी के साथ इतने अच्छे संबंध हैं।
चिन्मयानंद का शाहजहांपुर में आश्रम भी है और वहीं इनका लॉ कॉलेज भी चलता है। यह वही लॉ कॉलेज है जिसमें सरवाईवर छात्रा पढ़ती थी।
इस पूरे मामले को देखते हुए अब संतों के सर्वोच्च निर्णय लेने वाले संगठन अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) ने चिन्मयानंद को संत समुदाय से बाहर करने का निर्णय लिया है। एबीएपी के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने परिषद की बैठक के बाद कहा कि चिन्मयानंद को संत समुदाय से बाहर करने का फैसला किया गया है।