प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 अगस्त 2019 को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था अनुच्छेद 370 हटाने का यह एक ऐतिहासिक फैसला है। केन्द्र और राज्य के खाली पदों को भरने की प्रकिया शुरू की जाएगी। यहां स्थानीय नौजवानों को रोज़गार के अवसर मिलेगें। आपके जीवन में जो चीज़ें नहीं थी, वह भी आपको मिलेगी। आपका रहन-सहन बदलेगा और आतंकवाद खत्म होगा।
नोटबंदी के समय भी यही बोला गया था कि इससे देश में आतंकवाद खत्म होगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं। कश्मीर में इंटरनेट बंंद है और कर्फ्यू लगा है। सारी सुविधाओं को हफ्तों से बंद कर दिया गया है फिर भी मोदी जी उन्हें संदेश दे गए। टीवी और इंटरनेट बंद करवाकर कश्मीरी जनता को संबोधित करने वाले मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री बने। हद तो तब हो गई, जब ट्वीटर में #kashmirwithModi का ट्रेंड चल गया। खैर, यह बीजेपी के आईटीसेल द्वारा ट्रेंड कराया गया मामला ही लगता है।
अनुच्छेद 370 हटने पर नेताओं के अजीबोगरीब बयान
बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने अनुच्छेद 370 हटने पर बेवकूफी वाला ट्वीट किया। उन्होंने लिखा,
धारा 370 का हटना बिहार के लाखों युवाओं को कश्मीर में रोज़गार का अवसर देगा।
वह अपने इस ट्वीट के कारण वह सोशल मीडिया पर ट्रोल हुए। कई यूज़र्स ने ट्रोल करते हुए कहा कि सुशील मोदी बिहार में रोज़गार पैदा नहीं करेंगे, इंडस्ट्री नहीं लगाएंगे और सभी युवाओं को दूसरे राज्यों के भरोसे रखेंगे।
अब इन लाखों बिहारी युवाओं को गुस्सा करना भी जायज है, क्योंकि बिहार में जेडीयू के साथ बीजेपी सरकार में है लेकिन बिहार में इंडस्ट्री लगाने पर किसी राजनीतिक पार्टी ने गंभीरता नहीं दिखाई। सबने जनता के साथ किया है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की भी सोच किसी से कम नहीं है। इस फैसले पर उन्होंने कहा,
370 हटने से हरियाणा के युवा विवाह के लिए कश्मीरी लड़कियों को अब ला सकते हैं।
ज़रूर ला सकते हैं मगर खट्टर यह भूल गए कि ऐसी बयानबाज़ी से उन महिलाओं का मज़ाक और अपमान हो रहा है। अब ऐसे बयान से शायद मोदी कंफ्यूज होंगे कि ऐसा उन्होंने क्यों कहा?
उधर यूपी, मुज़फ्फरपुरनगर के खतौली से बीजेपी विधायक विक्रम सैनी ने भी कुछ ऐसा ही विवादित बयान देकर तुच्छ मानसिकता का परिचय दिया है। उन्होंने कहा,
कुंवारे नेता अब गोरी कश्मीरी लड़कियों से जाकर शादी कर सकते हैं।
अब इन्हें भी यूज़र्स ने प्रिया प्रकाश की तरह सोशल मीडिया में प्रकाश में ला दिया। अब मुझे समझ नहीं आ रहा है कि इन लोगों की ज़ुबान फिसल जाती है या पब्लिसिटी के लिए करते हैं।
अब यहां सोचने वाली बात है कि जम्मू-कशमीर से अनुच्छेद 370 हटने पर सभी नेता अपने अलग-अलग तर्क दे रहे हैं। वही दूसरी ओर कुछ लोग सोशल मीडिया में ऐसे खुशी मना रहे हैं, मानो मोदी ने 15 लाख उनके बैंक अकाउंट में रख दिया हो। कोई प्लॉट लेने की बात कर रहा है, तो कोई शादी रचाने की बात कर रहा है। मतलब हर कोई अपने-अपने चश्मे से देख रहा है।
कश्मीरियत और संस्कृति पर पडे़गा बुरा असर
सरकार ने आपको बताया कि वह अलगाववाद और आतंकवाद खत्म कर देंगे। कुछ हद तक सही है मगर आतंकवाद खत्म करने की आड़ में पूंजीवाद लाया जा रहा है और इस पर औद्योगिक घराने की नज़र है। यहां टूरिस्ट पैलेस बनाने पर ज़ोर दिया जाएगा। बड़े-बड़े होटल बनाए जाएंगे, डल झील में स्टीमर चलाया जाएगा। इतिहास गवाह है, जहां भी पूंजीवाद का असर हुआ है, वहां की संस्कृति और सभ्यता समाप्त हुई है। अब यहां कश्मीर होगा लेकिन कश्मीरियत नहीं बचेगी। इसे भी गोवा की तरह पर्यटको का टूरिस्ट पैलेस बनाया जाएगा।
अब सवाल आपसे है। आप जम्मू-कश्मीर को लेकर क्या राय रखते हैं?