Site icon Youth Ki Awaaz

“1.09 करोड़ पेड़ काटने की अनुमति देने वाले मोदी डिस्कवरी में प्रकृति की बातें करेंगे”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकप्रिय राजनेता हैं। लोगों से संवाद कैसे स्थापित किया जा सकता है, वह अच्छी तरह से जानते हैं। मन की बात और स्कूल के बच्चों से बातचीत कार्यक्रमों के ज़रिये वह देश के सामने आते रहते हैं। इसके अलावा जल्द ही वह डिस्कवरी चैनल के लोकप्रिय कार्यक्रम मैन वर्सेस वाइल्ड में नज़र आएंगे, जिसकी खूब चर्चा हो रही है।

कुछ लोग इसकी कड़ी आलोचना कर रहे हैं, तो कुछ समर्थन करते नज़र आ रहे हैं। सच बात यह है कि मोदी सरकार विज्ञापन और पब्लिक रिलेशन पर बहुत ज़्यादा पैसा खर्च करती है और इस बात का अंदाज़ा डिस्कवरी पर आने वाले मोदी के कार्यक्रम से लगाया जा सकता है। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि जब पुलवामा का हमला हुआ था तब प्रधानमंत्री डिस्कवरी के लिए शूटिंग कर रहे थे। हालांकि डिस्कवरी चैनल और सरकार की तरफ से इसपर कोई सफाई नहीं दी गई है।

पर्यावरण पर चुप्पी और विकास की राह 

डिस्कवरी चैनल के शो मैन वर्सेस वाइल्ड में नरेंद्र मोदी और बेयर ग्रिल्स। फोटो सोर्स- डिस्कवरी चैनल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि डिस्कवरी चैनल के माध्यम से भारत के पर्यावरण विरासत को दुनिया के सामने रखने का मौका मिला है। लोकसभा में सरकार ने कहा है कि पिछले पांच सालों में अलग-अलग विकास कार्यों के लिए 1 करोड़ 9 लाख पेड़ काटने की अनुमति दी गई थी।

2018-19 में 26.91 लाख पेड़ काटने की इजाज़त दी गई है गए मगर इस विषय में मोदी ने कुछ नहीं कहा। विकास या पर्यावरण यह दोनों विवाद का मुद्दा रहा है, फिर भी पर्यावरण को बचाते हुए विकास की राह पर चलना सही रहा है।

29 जुलाई को दिल्ली में बाघों की गिनती के आंकड़े देश के सामने रखे गए। ऐसा रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले चार सालों में बाघों की संख्या 741 अंकों से बढ़ी है, जो एक अच्छी खबर है। साथ ही साथ 2012-2018 के बीच 657 बाघों की मौत भी हो चुकी है और इनमें से लगभग 222 बाघों का शिकार किया गया है। ऐसी स्थिति में भविष्य में बाघों की संरक्षण को लेकर मुश्किलें आ सकती हैं।

प्रधानमंत्री के समर्थक तर्क दे रहे हैं कि बराक ओबामा भी मैन वर्सेस वाइल्ड कार्यक्रम में शिरकत कर चुके हैं। हालांकि भारत के किसी पूर्व प्रधानमंत्री ने ऐसा नहीं किया है। मोदी सरकार के पास यह एक अच्छा मौका है कि वह ऐसे वक्त में पर्यावरण को लेकर कदम उठाए और उसके बारे में देश को बताए।

गंगा की हुई एडवरटाइजिंग 

डिस्कवरी चैनल के शो मैन वर्सेस वाइल्ड में नरेंद्र मोदी और बेयर ग्रिल्स। फोटो सोर्स- डिस्कवरी चैनल

गंगा सफाई को लेकर पिछले पांच सालों में करोड़ों रुपए खर्च किए गए और अलग से मंत्रालय भी बनाया गया लेकिन अभी तक गंगा की हालत ठीक नहीं हुई है। इन पांच सालों में थोड़ा बहुत काम हुआ है लेकिन इससे कई ज़्यादा कार्य हो सकता था। नमामि गंगे योजना की एडवरटाइजिंग कराई गई मगर ऐसा पर्यावरण के संदर्भ में नहीं होना चाहिए था। हालांकि गंगा की सफाई भी एक पर्यावरणीय मसला है।

मैन वर्सेस वाइल्ड कार्यक्रम में शायद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने व्यक्तिगत जीवन में संन्यास लेने के बाद हिमालय के जंगलों में बिताए दिनों पर बात करें या पर्यावरण प्रेमी व्यक्ति के तौर पर अपनी प्रतिमा को स्थापित करें। 

पर्यावरण को बचाने का मौका 

पर्यावरण पर बातचीत करने के लिए यह एक अच्छा अवसर है। देशभर में इस विषय पर बातचीत होनी चाहिए। सस्टेनेबल डेवलपमेंट को लेकर विचार-विमर्श होना चाहिए। अगर इस कार्यक्रम के बाद हम सस्टेनेबल डेवलपमेंट और पर्यावरण के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर सकें और शहरों के प्रदूषण को कम कर पाएं तो ठीक है। अन्यथा यह कार्यक्रम पब्लिक रिलेशन प्रोग्राम (पब्लिसिटी स्टंट) बन जाएगा। अगर परिस्थितियां नहीं सुधरती हैं और अगर लोग सवाल करने लगेंगे तब प्रधानमंत्री अपने ही बिछाए जाल में फंस सकते हैं। हालांकि इसकी संभावना बहुत कम है। यह तो आने वाला वक्त बताएगा कि क्या हो सकता है?

Exit mobile version