जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद कुछ लोग कश्मीरी मुस्लिम महिलाओं पर अश्लील पोस्ट कर रहे हैं और गंदे जोक्स बना रहे हैं, जो बेहद निंदनीय है। आखिर वह लोग कश्मीरी मुस्लिम महिलाओं को लेकर अश्लील व बेहूदी टिप्पणियां क्यों कर रहे हैं? ऐसे पोस्ट से वह क्या साबित करना चाहते हैं कि वह सच में तुच्छ मानसिकता के हैं?
यूपी के मुज़फ्फरनगर के खतौली से बीजेपी विधायक विक्रम सैनी ने सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि देश के सभी युवाओं को खुश होना चाहिए कि अब वे बिना किसी डर के गोरी कश्मीरी लड़कियों से शादी कर सकते हैं।
ऐसी घटिया सोच वाले नेताओं के बयान का युवाओं पर क्या असर पड़ेगा? इन नेताओं के बिगड़े बोल से युवाओं में बुरा असर होता है। इन्हीं नेताओं के उल्टे-सीधे ब्यानबाजी से समाज का माहौल खराब हो रहा है।
अब वे इस तरस से सोशल मीडिया पर भद्दी पोस्ट कर रहे हैं। जैसे मानो वहां की महिलाएं इनकी गुलाम हो गई हो। मैंने कई राजा-महाराजाओं की कहानियां पढ़ी है कि कैसे क्रूर राजा के जीतने के बाद उनके सैनिक वहां की महिलाओं पर टूट पड़ते थे, तो क्या उन्हें मौके की तलाश थी कि कश्मीरी को कैसे परेशान करूं? आखिर वह मुस्लिम महिलाओं के प्रति इतनी हवस भरी नज़र से क्यों देखते हैं?
सिर्फ मुस्लिम महिलाओं को पर ही टिप्पणी क्यों?
जम्मू-कशमीर में 29 फीसदी हिन्दू हैं और 69 फीसदी मुस्लिम आबादी है। वहां 29% हिन्दू हैं मगर वह महिलाओं पर टिप्पणी करने से बचते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वह हिन्दू हैं, तो क्या हम मान लें कि वहां मुस्लिम महिलाओं की गलती यह है कि वह हिन्दू नहीं हैं इसलिए उन्हें अश्लील टिप्पणी का सामना करना पड़ रहा है।
जो लोग मुस्लिम के हाथों से खाना पसंद नहीं करते, वह जौमेटो का बहिष्कार कर देते हैं और आज वही उनकी बहन से शादी करने को बेचैन हैं। आप वहां की बहन-बेटियों का मज़ाक बना रहें हैं। आप दिल से सोचिए कि इसका उन पर क्या असर पड़ रहा होगा?
इस वक्त दूसरे देश भी कश्मीरी मुद्दे पर नज़र बनाए हुए हैं। आप इस खुशी के बहाने उन महिलाओं के प्रति घटिया मानसिकता उजागर ना करें। आपके सभी शर्मनाक क्रियाकलाप देखे जा रहे हैं। आपके इन हरकतों से हमारी देश की बेइज्ज़ती होती है। कृप्या हमारे देश की संस्कृति, सभ्यता और संस्कार को बनाए रखें।