बीते हफ्ते भाजपा ने अपने घोषणापत्र के वादे को पूरा करते हुए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के प्रस्ताव और पुनर्गठन बिल को राज्यसभा से भी पास करा दिया।
आपको बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में अनुच्छेद 370 व राज्य के पुर्नगठन प्रस्ताव पेश किया था, जहां गरमागरम बहस के बाद 70 के मुकाबले 370 मतों से विधेयक पास हो गया था। फिर बाद में उच्च सदन यानि की राज्यसभा में इस प्रस्ताव को 61 के मुकाबले 125 मतों से मंज़ूरी दे दी गई थी।
क्या है अनुच्छेद 370?
पूरे देश में अनुच्छेद 370 की बात चल रही है कहीं समर्थन है तो कहीं विरोध लेकिन क्या हम सब जानते हैं कि अनुच्छेद 370 क्या है? तो चलिए पहले जानते हैं आखिर अनुच्छेद 370 क्या है?
- अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के अनुसार, भारतीय संसद को जम्मू-कश्मीर के बारे में सिर्फ रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार था लेकिन अन्य विषय से संबंधित कानून को लागू कराने के लिए केंद्र को राज्य का अनुमोदन चाहिए होता था।
- इसी विशेष दर्जे के कारण जम्मू-कश्मीर राज्य पर संविधान की धारा 356 लागू नहीं होती थी जिसके कारण राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं था।
- जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता (भारत और कश्मीर) होती थी।
- इस अनुच्छेद के प्रावधानों के तहत भारत के दूसरे राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते थे।
- भारतीय संविधान के आर्टिकल 360 जिसके अन्तर्गत देश में वित्तीय आपातकाल लगाने का प्रावधान है, वह भी जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होती।
- भारत के उच्चतम न्यायालय के आदेश जम्मू-कश्मीर के अन्दर मान्य नहीं होते हैं।
- इस अनुच्छेद के प्रावधानों के तहत जम्मू-कश्मीर की कोई महिला अगर भारत के किसी अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह कर ले तो उस महिला की नागरिकता समाप्त हो जाएगी। इसके विपरीत अगर वह पाकिस्तान के किसी व्यक्ति से विवाह कर ले तो उसे भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जाएगी।
- अनुच्छेद 370 की वजह से कश्मीर में आरटीआई और सीएजी (CAG) जैसे कानून लागू नहीं होते थे।
अनुच्छेद 370 हटने के बाद क्या-क्या बदलेगा कश्मीर में
इस प्रावधान के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेषाधिकार प्राप्त थे। अब इस अनुच्छेद के हटने के बाद से कुछ बदलाव तो लाज़मी ही हैं। तो चलिए जानते हैं कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू- कश्मीर में क्या-क्या बदल जाएगा?
- अब देश का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में संपत्ति खरीद पाएगा।
- राज्य की पुलिस केंद्र के अधिकार क्षेत्र में रहेगी।
- संसद की ओर से बनाए गए हर कानून और फैसले अब वहां लागू होंगे।
- महिलाओं पर लागू स्थानीय कानून जैसे, अन्य राज्य के व्यक्ति से विवाह करने पर उन्हें संपत्ति के अधिकार से वंचित कर देना आदि बेअसर हो जाएंगे।
- जम्मू-कश्मीर अब केंद्र शासित राज्य होगा।
- जम्मू-कश्मीर में अब दोहरी नागरिकता नहीं होगी।
- जम्मू-कश्मीर में आरटीआई और सीएजी कानून भी अब लागू होंगे।
- बाहरी राज्य के लोगों को भी नौकरी मिल सकेगी।
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 360 जिसके अंतर्गत देश में वित्तीय आपातकाल लगाने का प्रावधान है, वह अनुच्छेद 370 के कारण जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होता था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब जम्मू-कश्मीर भी इसके दायरे में होगा।
जम्मू-कश्मीर का हिस्सा रहे लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा। यहां जम्मू-कश्मीर की तरह विधानसभा नहीं होगी। आपको बता दें कि इसका प्रशासन चंंडीगढ़ की तरह चलाया जाएगा।
वायरल हो रही है एक झूठी खबर
कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर विरोध इसलिए है क्योंकि उनका सोचना है कि इस अनुच्छेद के खत्म होने से बाकी भारत के लोगों को भी जम्मू-कश्मीर में ज़मीन खरीदने का अधिकार मिल जाएगा, साथ ही वे नौकरी और अन्य सरकारी मदद के भी हकदार हो जाएंगे।
कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद इसी बीच एक खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। वायरल मैसेज में लिखा है-
कश्मीर के लाल चौक रोड पर 11.25 लाख (जीएसटी के साथ) बुक करें ज़मीन। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हट चुका है। लिमिटिड स्टॉक, ज़्यादा जानकारी के लिए 9019292918 पर कॉल करें।
खबरों की मानें तो यह मैसेज पूरी तरह से फर्ज़ी है। खबरों के मुताबिक, मैसेज में जो नंबर दिया गया है वो रियल स्टेट कंपनी का है जो कि बंगाल में है और उसका नाम एडन रिएलटी है, जो बंगाल में कई प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। उनमें राज्य सरकार द्वारा कमीशन किए गए कुछ प्रोजेक्ट शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कश्मीर में उनके कोई प्रोजेक्ट नहीं है और वो कोई ज़मीन नहीं बेच रहे हैं। आपको बता दे कि यह मैसेज पूरी तरह से फर्ज़ी है।