“यह खेल मुझसे, तुमसे, हम सबसे बड़ा है, बहुत बड़ा।”
सेक्रेड गेम्स वेबसिरीज़ का यह डायलॉग वैसे सुनने पर तो आम सा लगता है मगर ज़रा सा गौर फरमाएंगे तो मालूम होगा कि हम सब के आस पास जो भी हो रहा है, वह एक खेल ही है। जिसमें हम आम नागरिक महज़ एक कठपुतली की तरह चंद लोभियों के हाथ के गुलाम बने पड़े हैं।
हर देश की आम जनता को भटकाने के लिए, आपस में लड़वाने के लिए और उनपर राज करने के लिए कई ऐसे मुद्दों को मीडिया मैन्युफैक्चर करती हुई आई है, जिससे हमें धरती के ज़रूरी मुद्दों से भटकाया जा सके।
जलवायु परिवर्तन उन्हीं तमाम भुलाए हुए मुद्दों में से एक ज़रुरी मुद्दा है, जिनपर सामान्य तौर पर ज़्यादा बातें नहीं होती, सिवाए व्हाट्सएप पर पेड़ लगाने के झूठे वादों को छोड़कर।
जलता हुआ अमेज़न जंगल
धरती के एक कोने में अमेज़न रेन फॉरेस्ट धू-धू कर जल रहा है, मगर हममें से ज़्यादा घरों को अमेज़न वाले इ-कॉमर्स वेबसाइट के अलावा कोई दूसरा अमेज़न (ब्राजील का अमेज़न) पता ही नहीं है।
खैर, सवाल यह है कि धरती के कोने में बसे तमाम जंगलों में साल दर साल आग लगने की घटना आम क्यों हो रही है?
इसका एक वाक्य में जवाब दिया जाए, तो यही होगा कि “यह एक खेल है, जो हम सब से बड़ा है”। वह खेल जिसमें ज़मीन ही सबकुछ है, हज़ारों सालों की दबी संपदा को निकाल कर उसका बाजारीकरण ही सबकुछ है। पैसा ही सबकुछ है।
मामले की थोड़ी तफ्तीश करने पर सच्चाई पर लगी परत को उधेड़ा जा सकता है। मोटे तौर पर मामला यह है कि अमेज़न के जंगल का 60% हिस्सा ब्राज़ील के अधीन है और ब्राज़ील कई सालों से मिडिल इनकम ट्रैप में फंसा पड़ा है, जिसका मतलब यह होता है कि वहां की अर्थव्यवस्था चरमरा चुकी है और टूटने ही वाली है।
जंगलों का बाजारीकरण
ऐसे में कुछ महीने पहले ब्राज़ील सरकार का यह फरमान आता है कि अब ब्राज़ील जंगलों का बाजारीकरण करेगी। वह जंगल जिससे दुनिया की बड़ी आबादी सांस लेती है।
धरती के वायुमंडल में जीने के लिए मात्र 21% ऑक्सीजन उपलब्ध है, जिसमें से 20% ऑक्सीजन हमें ब्राज़ील के इस वनक्षेत्र से मिलता है, 50 प्रतिशत सागर के प्लैंकटन से मिलती है।
मगर हम मानवों ने मरीन लाइफ की भी क्या दुर्दशा की है, वह किसी से छुपी नहीं है और यह लंबी और ज़रूरी बहस है जिसपर बात कभी और होगी।
हम बात कर रहे थे ब्राज़ील के जंगलों की। ब्राज़ील सरकार के फरमान के बाद वहां के पर्यावरण प्रेमियों में यह मुद्दा ज्वलंत बन गया है और सरकार सीधे तौर पर जंगलों से छेड़छाड़ नहीं कर पा रही है।
सरकार का खेल
अब सरकार खेल रहा है अपना दूसरा और असरदायक ट्रम्प कार्ड, जिसे आम भाषा में बजट कट कहते हैं। ब्राज़ील जैसे छोटे देश में पर्यावरण सम्बंधी विभागों को कमज़ोर करने के लिए 23 मिलियन डॉलर की कटौती की जाती है। संस्था को कमज़ोर करके लोकतंत्र का गला घोंटने का मॉडल हर देश की सरकार का मनपसंद हथियार रहा है।
इन सब के बावजूद दबी ज़ुबान में ही सही, अमेज़न के जंगलों को बचाने का प्रयास निरन्तर जारी है। तभी सरकार का आखिरी दाव खेला जाता है, “नेचुरल कैलमिटी”, जिसमें सरकार आसानी से हाथ खड़े कर सकती है कि अब जंगलों की आग को बुझाएं तो बुझाएं कैसे?
आने वाले सालों में अमेज़न के जंगलों की जगह समतल जमीन पर इंडस्ट्री खड़ी होने पर हैरानी नहीं होनी चाहिए क्योंकि मैंने पहले ही कहा था कि यह खेल हम सबसे बड़ा है, जहा कागज़ के नोटों के लिए जीवन तक दांव पर लगा दिए जाते हैं।
खेल का रहस्य समझ जाएंगे तो आंखों के सामने घटती हुई बनावटी घटना के असल मकसद को जान पाएंगे।