देखो यह अच्छा नहीं है
यह जो नफरतों का कारोबार है।
खड़े हो रहे साम्प्रदायिक दीवार हैं
बच्चों के हाथों में कलम नहीं तलवार हैं,
किसी को मार देने का खून सवार है
देखो ये अच्छा नहीं है।
सवालों के जवाब नहीं
सवालों के सवाल हैं।
नेताओं के हाथ खून से लाल हैं
चारों तरफ साम्प्रदायिक बवाल है,
देखो यह अच्छा नहीं है।
कर्ज़ में लिथड़े हुए किसान हैं
बेरोज़गारी का लिबास ओढ़े यहां नौजवान हैं।
अल्पसंख्यक की हथेली पर जान है
लेकिन मैं सीना तानकर कहता हूं,
देश मेरा सबसे महान है।
देखो यह अच्छा नहीं है
संसद में गूंजे जय श्री राम है
हर किसी के हाथ में देशभक्ति का जाम है।
महिलाओं और बच्चों के साथ हो रहे दुष्कर्म,
उनकी लूटी जा रही इज्ज़त सरेआम हैं
देखो यह अच्छा नहीं है।
मीडिया के मुंह में सरकारी ज़ुबान है
गरीब को खाने के लिए रोटी नहीं
ना रहने को मकान हैं।
फिर भी हमारे हुक्मरान कहते हैं
चिंता की कोई बात नहीं,
देश में सब कुछ समान है।
देखो यह अच्छा नहीं है
भीड़ों में नीलाम हो रही मज़लूमों की जान है,
खेतों में लहू से सींचे गए गेहूं और धान हैं
बोलने वालों के खिंचे जा रहे ज़ुबान हैं।
इस मिट्टी से जुड़ा हर किसी का स्वाभिमान है
फिर क्यों हमसे लिया जा रहा देशप्रेम का इम्तिहान है?
देखो यह अच्छा नहीं है
गीत में कब्रिस्तान भेजने की बात है,
यहां पीने को पानी नहीं
लेकिन योजनाओं की बरसात है।
देखो यह अच्छा नहीं है
प्यार को कह रहे लव जिहाद हैं,
क्यों नहीं प्यार करने वाले परिंदे आज़ाद हैं?
शहर के गटर मज़दूरों की लाश से आबाद हैं
भला कैसे मिले दलितों को अपना हक?
यहां मूछों पर ताव दिए खड़ा ब्राह्मणवाद है।
मीडिया के गलियारों में
हिन्दू-मुसलमान और पाकिस्तान है
टूटे पैर पर खड़े देश के प्रतिष्ठित संस्थान हैं।
बचा लो मुझे अभी वक्त है
हाथ जोड़े कह रहा यह देश का संविधान है,
देखो यह अच्छा नहीं है।
देखो यह अच्छा नहीं है।।