Site icon Youth Ki Awaaz

क्या गाय को लेकर सीएम त्रिवेंद्र रावत के दावे में कोई तथ्य है?

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का एक अजीब बयान सामने आया है, जिसके कारण उत्तराखंड में गाय एक सियासी मुद्दा बनी हुई है। मुख्यमंत्री ने एक वीडियो के ज़रिये यह कहते हुए एक नया विवाद छेड़ दिया है कि विश्वभर में गाय एक मात्र ऐसा पशु है, जो ऑक्सीजन छोड़ती भी है और ऑक्सीजन को अंदर भी लेती है।

उन्होंने यह भी कहा है कि हमने गाय को माता का दर्जा दिया है क्योंकि वह हमें प्राणवायु देती है। वीडियो के ज़रिये मुख्यमंत्री गाय, उसके मूत्र और गोबर के चिकित्सीय गुणों के बारे में भी बता रहे हैं।

इसके अलावा वह दवा कर रहे हैं कि गाय के लगातार संपर्क में रहने से टीवी जैसे रोग दूर हो जाते हैं और सांस लेने में होने वाली समस्याएं भी ठीक हो जाती हैं।

गाय के गोबर और गौमूत्र में कितनी ताकत है और यह हमारे शरीर, त्वचा, हृदय और किडनी के लिए यह कितना फायदेमंद है, इसके बारे में भी रावत बताते हुए दिख रहे हैं। यह भी बताया कि पशु पालन मंत्री रहते हुए उन्होंने इसके बारे में वैज्ञानिक अध्ययन करवाया था और वैज्ञानिक आज इसे प्रमाणित भी कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने सीएम के बयान को विवादित होने से इंकार किया

आपको बता दें कि रावत के इस बयान पर तरह-तरह की टिप्पणियां हो रही हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से सफाई दी गई कि यह वीडियो करीब 5 माह पुराना है और इसे जानबूझ कर वायरल किया जा रहा है। उनका कहना है कि वीडियो में जो कहा गया है, वह प्रदेश में अभी तक चल रही मान्यताओं के आधार पर ही कहा गया है। इसमें विवाद जैसी कोई बात नहीं होनी चाहिए।

फोटो साभार: Getty Images

आपको बता दें कि 2017 में राजस्थान सरकार में शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने भी दावा किया था कि गाय एकमात्र ऐसी पशु है, जो ऑक्सीजन लेती है और छोड़ती भी है। ऐसा ही दावा उत्तराखंड की पशुपालन मंत्री रेखा आर्या ने भी किया था। गौरतलब है कि साइंस के मुताबिक पेड़-पौधे ऑक्सीजन छोड़ते हैं क्योंकि उनमें प्रकाश संश्लेषण की क्रिया होती है। पेड़-पौधों के अलावा कोई भी ऐसा जीवित प्राणी नहीं होता, जो ऑक्सीजन छोड़ता हो।

सीएम साहब के दावे विज्ञान की कसौटी पर फिट नहीं बैठते

इस बात की पुष्टि के लिए ‘द लल्लनटॉप’ न्यूज़ के एक संवादाता ने जब दिल्ली यूनिवर्सिटी में जीव विज्ञान यानि ज़ूलोजी के असिस्टेंट प्रोफेसर सोमा एम घोराई से जानने की कोशिश की, तो उन्होंने बताया कि जो 21% ऑक्सीजन सांस के ज़रिये हम शरीर के अंदर लेते हैं, उसमें से 4-5% का ही मुश्किल से उपयोग होता है और बचे हुए को हम कार्बन डाई ऑक्साइड और अन्य गैसों के साथ बाहर निकालते हैं।

उन्होंने बताया कि यह प्रकिया गाय समेत सभी जन्तुओं पर लागू होती है। इसलिए गाय भी सबकी तरह ही ऑक्सीजन लेती है और कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ती है, जिसमें कुछ दूसरी गैसें भी बाहर आती हैं।

यह महज़ बचकानी बातें हैं

इस वीडियो को हम दो नज़रियों से देख सकते हैं। यदि पहले नज़रिये की बात करें तो इस वीडियो से यह संदेश जाता है कि हमें गाय का पालन-पोषण करना चाहिए तथा उनकी देख-भाल भी करनी चाहिए। इससे यह भी पता चल रहा है कि गाय हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है, मतलब गाय पालने के कितने फायदे होते हैं।

वहीं, अगर हम इसके दूसरे पहलू पर बात करें, तो यह सुनकर बहुत ही अजीब लगता है कि इतने बड़े पद पर आसीन व्यक्ति गाय के संदर्भ में ऐसी बचकानी बातें कैसे कर सकता है। इस वीडियो को यदि धर्म के लिहाज़ से देखें तो भी यह ठीक नहीं है। इसे एक भद्दा मज़ाक कह सकते हैं।

अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप किस तरीके से सोच रहे हैं। मेरे अनुसार वीडियो के ज़रिये गाय पालने का जो संदेश जा रहा है, वह सराहनीय है क्योंकि इससे गौ-हत्या पर भी लगाम लगने की उम्मीदें हैं। अगर आप सकारात्मक पहलुओं को देख रहे हैं, तो आपको अच्छा संदेश मिलेगा। वहीं, अगर आप नकारात्मक नज़रिये से देख रहे हैं तो दो धर्मों के बीच लड़ाई-झगड़ा और फुट के अलावा कुछ नहीं मिलेगा।

Exit mobile version