Site icon Youth Ki Awaaz

खुद को कुबड़ी कहे जाने पर इरा सिंघल ने बहुत ही ज़रूरी जवाब दिया है

कुछ लोगों की विकृत मानसिकता के कारण ही समाज कठघरे में आकर खड़ा हो जाता है। बिना ज़्यादा समां बांधे मैं अपने मुद्दे पर आती हूं। अभी हाल ही में इरा सिंघल को इंस्टाग्राम पर उनकी पीठ की समस्या की वजह से ट्रोल किया गया। उन्हें ट्रोल करते हुए एक युवक ने उन्हें ‘कुबड़ी’ कहा। उस युवक की प्रोफाइल का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए इरा ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर लिखा,

जो भी सोचता है कि दिव्यांग लोगों को कुछ भी सामना नहीं करना पड़ता है, क्योंकि दुनिया अच्छी और दयालु है तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। सच्चाई दिखाने के लिए मैं अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से किसी का कमेंट यहां शेयर कर रही हूं। ये साइबर बुलिंग का चेहरा है।

उन्होंने आगे लिखा,

दुर्भाग्य से जिसे सताया नहीं जा सकता, उसे सताने का प्रयास किया जा रहा है। यह बात काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह व्यक्ति सिविल सर्वेंट बनना चाहता है। यही कारण है कि हमें ऐसे स्कूलों और शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता है, जो किसी भी चीज़ से ज़्यादा एक बेहतरीन इंसान बनाने पर ध्यान दें।

फोटो क्रेडिट- फेसबुक

इरा का मानना है कि कार्रवाई करने से या सज़ा देने से बात नहीं सुधरेगी क्योंकि इससे नकारात्मकता और बढ़ेगी। आपको बता दूं कि इस व्यक्ति का नाम भूपेश जसवाल है।

और पढ़ें: साइबर अपराध का शिकार होने पर ये कदम उठाएं

करियर में कभी बीमारी को आड़े नहीं आने दिया

इरा ने 2014 की सिविल सेवा परीक्षा में टॉप किया था।

वह 2010 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा में बैठी और तब उनकी 815 रैंक आई थी। हालांकि पर्सन वीथ डिसेबिलिटी की वजह से उन्हें आईआरएस के लिए पोस्टिंग नहीं दी गई। इसके बाद लंबे समय तक उनके पिता ने नार्थ ब्लॉक से लेकर कैट में मुकदमा करने तक का संघर्ष किया। इरा ने भी हार नहीं मानी और 2014 में पहली रैंक प्राप्त करने के बाद हैदराबाद में आईएएस के तौर पर पोस्टिंग ली।

इरा शुरू से ही टॉपर रही हैं। लोरेंटो कांवेंट से लेकर दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग तक की परीक्षा में वह हमेशा अव्वल आई हैं।

फोटो क्रेडिट – फेसबुक

इरा रीढ़ से संबंधित बीमारी स्‍कोलियोसिस से जूझ रही हैं। जिस कारण उनके कंधों का मूवमेंट ठीक से नहीं हो पाता है, हालांकि उन्‍होंने कभी अपने करियर में कभी बीमारी को आड़े नहीं आने दिया और उनकी सफलता इसी बात का प्रमाण है। इरा सिंघल इस वक्त उत्तरी पश्चिमी ज़िले की तेज़ तर्रार और ईमानदार डिप्टी कमिश्नर हैं। पिछले दिनों उन्होंने एक सरकारी कार्यक्रम की तस्वीर लगाई थी जिस पर  ऐसे अभद्र कमेंट आने लगे।

इरा के जज़्बे को सलाम

हमारे आसपास इरा जैसे लोग भी मौजूद हैं और भूपेश जैसे नीच मानसिकता वाले लोग भी। अब यह हमें तय करना है कि हम अपनी सोच को कौन-सी दिशा देते हैं। इरा की बातों से यह बात तो बिल्कुल साफ है कि अपने जीवन में संघर्षों को देखने के बाद उन्हें इस तरह की बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता। हमें भी अगर अपने विरोधियों का मुंह बंद करना है, तो हमें भी अपने काम के प्रति समर्पित होकर आगे बढ़ते रहना होगा। इरा के इस जज़्बे को सलाम।

 

Exit mobile version