2019 के चुनावों में लोगों ने नरेंद्र मोदी पर भरोसा दिखाया और वह दूसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बन गए। मोदीजी को लोगों ने फिर से चुन लिया इसके बहुत सारे कारण हैं। हम आज यहां उसपर चर्चा नहीं करते हैं पर मुझे एक प्रमुख कारण लगता है। वह कारण यह है कि लोगों को लगा कि मोदीजी लोगों की की ज़िन्दगी में बदलाव ला सकते हैं, मोदीजी देश के आज के हालात में सुधार ला सकते हैं और देश को विकास की सही दिशा दे सकते हैं।
पिछले पांच सालों में स्वच्छ भारत अभियान, उज्ज्वला योजना, जन-धन योजना, आयुष्मान भारत जैसी योजनाएं लोगों की सोच बदलने में और आम आदमी की ज़िन्दगी में मूलभूत परिवर्तन लाने के लिए कुछ शुरुआती अच्छे कदम के तौर पर देखे जा सकते हैं। नोटबंदी और जीएसटी के फैसले के ऊपर और उसके इम्प्लीमेंटेशन के ऊपर बहस हो सकती है पर लोगों ने इसे एक सकारात्मक बदलाव के रूप में स्वीकार किया। भारत ने जो सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक से पाकिस्तान को जवाब दिया लोगों ने इसकी भी सराहना की और देश की सुरक्षा चुनाव का एक प्रमुख मुद्दा भी बना।
लोगों की ऐसी धारणा भी हुई की मोदीजी के नेतृत्व में दुनिया में भारत का कद बढ़ गया है। रोड और ट्रांसपोर्ट मंत्रालय ने जो काम किया है उसकी भी सराहना की जा रही है। ये सभी ऐसे कुछ कारण हैं जिससे मोदीजी दोबारा प्रधानमंत्री बन गए पर अब उनकी ज़िम्मेदारी और भी बढ़ गई है। उनके सामने चुनौतियां बहुत बड़ी हैं ,बहुत सारे क्षेत्र में बड़े बदलाव की और बड़े सुधार की ज़रूरत है। आज हम यहां ऐसे ही कुछ मुद्दों पर बात करेंगे जिसमें कड़े फैसले लेने की और बहुत काम करने की ज़रूरत है।
1. कुपोषण: दुनिया में कुपोषण की जब बात होती है तो भारत का नाम सबसे ऊपर होता है और हमारे लिए ये शर्मनाक है मुझे लगता है मोदीजी को कुपोषण को प्रमुख प्राथमिकता देनी चाहिए और कुछ कड़े और सही फैसले लेने की ज़रूरत है। आज कुपोषण से लड़ने के लिए जो भी प्रयास हो रहे हैं वह पर्याप्त नहीं हैं और आने वाले पांच सालों में ये हालात सुधरने चाहिए और हमें इसे एक मिशन के तौर पर लेना चाहिए।
2. पब्लिक हेल्थ केयर: आज हम पब्लिक हेल्थ पर बहुत कम स्पेंड कर रहे है, इसमें सुधार की ज़रुरत है ताकि लोगों को क्वालिटी और अफोर्डेबल हेल्थ केयर मिल सके। आयुष्मान भारत एक सही कदम है पर उसके लिए ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर हमारे देश में पर्याप्त नहीं है। डॉक्टर्स की कमी एक बहुत बड़ी समस्या उभर कर आ रही है। हेल्थ केयर के लिए ज़रूरी क्वालिटी मैनपावर- नर्स, पैरामेडिकल और टेक्निकल की चुनौती आज हमारे सामने है। प्राइमरी और प्रिवेंटिव हेल्थ केयर पर ज़ोर देने की ज़रूरत है। कैंसर स्क्रीनिंग को एक अभियान बनाया जा सकता है।
3. शिक्षा: अच्छी और सस्ती शिक्षा हर भारतीय का अधिकार है पर आज हमारे देश में सरकारी पाठशालाओं का बहुत बुरा हाल है। हमारे एक भी विश्वविद्यालय दुनिया के अच्छे विश्वविद्यालयों में शामिल नहीं हैं (IIM और IIT की बात करके हम कबतक हमारे विश्विद्यालयों की नाकामी छुपायेंगे?) शिक्षा में सुधार के रूप में एक बड़ी चुनौती हमारे सामने है और आने वाले पांच सालों में मोदीजी को इस क्षेत्र में बहुत सुधार लाने की ज़रूरत है। भारत तभी विश्वगुरु बनेगा जब हमारे शिक्षा व्यवस्था में सुधार आएगा और हम स्किल्ड मैनपावर बना पाएंगे।
4. महिला सुरक्षा: जब दिल्ली को रेप कैपिटल कहा जाता है और भारत को महिलाओं के लिए असुरक्षित देश कहा जाता है तो बहुत तकलीफ होती है, ऐसा लगा था कि निर्भया के साथ दरिंदगी होने के बाद जो हमारे देश में गुस्सा दिखा था उससे बहुत बड़ा बदलाव आएगा पर उसके बाद भी हालात नहीं सुधरे। इस मुद्दे को लेके मोदी सरकार को राज्य सरकारोंके साथ मिलके कम करना चाहिए और इसे प्रमुख प्राथमिकता देनी चाहिए और एक मिशन के तौर पर काम करना चाहिए ताकि हमारे देश को आगे कोई महिलाओंके लिए असुरक्षित न कहे।
5. एग्रीकल्चर: भारत की अर्थव्यवस्था खेती पर आधारित है पर खेती जिसके ऊपर आधारित है उस किसान के घर की अर्थव्यवस्था बहुत बुरे हालात में है, किसानों को इस हालात से बाहर निकालना ज़रूरी है। इस क्षेत्र में बहुत बड़े बदलाव की ज़रूरत है और इसके लिए मोदी सरकार को कड़े फैसले और ज़रूरी कदम उठाने की ज़रूरत है।