प्रतिवर्ष 8 मई को रेडक्रॉस के संस्थापक जीन हेनरी ड्यूनेंट के जन्मदिन को ‘विश्व रेडक्रॉस दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 1901 में उन्हें इसके लिए शांति का सबसे पहला नोबेल पुरस्कार मिला था। हेनरी डयूनेन्ट ने 9 फरवरी 1863 को स्विट्जरलैंड के जेनेवा में पांच लोगों की कमिटी बनाकर इस संस्था की स्थापना की थी। उसी वर्ष जेनेवा में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हुआ, जिसमें 18 देशों ने इस संस्था में हिस्सा लिया, जिसमें रेडक्रॉस सोसायटी को कानूनी रूप प्रदान कर दी गयी। इस संस्था के गठन का उद्देश्य युद्ध और प्राकृतिक आपदा जैसी आपातकालीन परिस्थितियों में पीड़ितों की मदद करना है।
भारत में रेड क्रॉस सोसायटी की स्थापना 1920 में पार्लियामेंट्री एक्ट के तहत की गई थी। शुरुआत में इस संस्था का नाम “इंटरनेशनल कमिटी फॉर रिलीफ टू द वाउंडेड” रखा गया था। उसका नारा है, Find the Volunteer in side you (अपने अन्दर के स्वयं सेवक को पहचाने।) सफेद पट्टी पर लाल रंग का क्रॉस का चिन्ह इस संस्था का निशान है। रेड क्रॉस चिन्ह का गलत इस्तेमाल करने पर 500 रुपये जुर्माना लगाया जाता है और उस व्यक्ति की संपत्ति भी ज़ब्त की जा सकती है।
रेड क्रॉस सोसायटी द्वारा किये गये उल्लेखनीय कार्य
इस संस्था ने प्रथम तथा द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान घायल हुए सैनिकों के उपचार तथा उनके पुनर्वास में बेहद अहम भूमिका निभायी। तब से लेकर आज तक विश्व के लगभग सभी देशों में यह संस्था मानव सेवा में अपना उल्लेखनीय योगदान दे रही है।
केवल युद्ध से प्रभावित लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों का पुनर्वास भी रेड क्रॉस का महत्वपूर्ण योगदान है। वर्तमान में विश्व के कुल 210 देश रेड क्रॉस सोसाइटी से जुड़े हुए हैं। संस्था के सदस्य निस्वार्थ भाव से मानव सेवा का काम करते हैं। वे ज़रूरत पड़ने पर गॉंवों और शहरों में एंबुलेंस सेवाएं और दवाइयां पहुंचाने का काम करते हैं।
रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा समय-समय पर रक्तदान शिविरों का आयोजन भी किया जाता है और लोगों को रक्तदान के लिए जागरूक किया जाता है। यह संस्था लोगों को कैंसर, एनीमिया, थैलीसीमिया जैसी जानलेवा बीमारियों से बचाव के तरीके के बारे में जागरूक करती है।
रेड क्रॉस ब्लड बैंक
रेड क्रॉस संस्था द्वारा अपने राहत एवं पुनर्वास कार्यक्रम के तहत रक्तदान शिविरों का भी आयोजन किया जाता है। वर्ष 1937 में रेड क्रॉस संस्था द्वारा विश्व का पहला ब्लड बैंक अमेरिका में खोला गया था। भारत में वर्ष 1942 में कलकत्ता के ऑल इंडिया इंस्टिच्यूट ऑफ हाइजीन एंड पब्लिक हेल्थ के अधीन भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा पहला ब्लड बैंक स्थापित किया गया। वर्ष 1977 में भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी हेडक्वार्टर द्वारा प्रत्यक्ष रूप से ब्लड बैंकों का संचालन किया जाने लगा और इसके तहत विभिन्न राज्यों में भी इसकी शाखाएं स्थापित की गईं। हालांकि कुछ राज्यों में इन ब्लड बैंकों का कार्य वर्तमान में बेहद सुस्त है, जिसे फिर से एक्टिवेट करने की ज़रूरत है, क्योंकि आपात परिस्थितियों में रेड क्रॉस सोसाइटी आज भी लोगों की पहली उम्मीद है।