लोकतंत्र में सही सूचना लोगों तक पहुंचना ज़रूरी होता है। मीडिया का यह कार्य होता है कि वह निष्पक्ष तरीके से सही सूचनाएं लोगों तक पहुंचाए। ‘राष्ट्रवाद की लहर है’, ‘भारत माता की जय’ बोलने से बुनियादी सवाल हल नहीं होते हैं, इसलिए हम बुनियादी सवालों पर बात करेंगे।
माँ को धोखा देता बेटा-
2014 चुनाव के लिए यूपी के बनारस लोकसभा सीट से नामांकन भरने से पहले नरेंद्र मोदी ने कहा था, “ना मैं आया, न मुझे भेजा गया, मां गंगा ने बुलाया मुझे” पर बेटा अपनी माँ को दिए गए वचन को निभा नहीं पाया।
खबर कुछ इस तरह है कि गंगा सफाई के लिए बनी प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली समिति की अब तक एक भी बैठक नहीं हुई है। नियम है कि परिषद की साल में एक बैठक होनी चाहिए। ‘द वायर’ की इसपर काफी विस्तृत रिपोर्ट है। इस रिपोर्ट में उन्होंने एक्सपर्ट की राय भी सामने रखी है।
नोटबंदी हो गई फेल-
शायद इस खबर को पढ़ने के बाद किसी का मनोबल गिर सकता है। आरटीआई के खुलासे में पता चला है कि आरबीआई ने कहा था, “नोटबंदी से काला धन खत्म नहीं होगा”। निदेशक मंडल की बैठक में कहा गया कि ज़्यादातर काला धन नकद के रूप में नहीं है। बल्कि सोना अचल संपत्ति के रूप में है। इस कदम का ऐसी संपत्तियों पर खास प्रभाव नहीं पड़ेगा।
सरकार ने यह भी कहा था कि नोटबंदी से आतंकवाद पर लगाम लगेगा और देश कैशलेस हो जाएगा। परिस्थितियां क्या हैं? सब आपके सामने है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसान-
पिछले साल किसानों के बहुत आंदोलन हुए। मीडिया में इसे बहुत कम जगह मिली। केंद्र सरकार ने दो हज़ार हेक्टेयर की ज़मीन वाले किसानों को राहत राशि 6000 प्रति वर्ष देने का फैसला किया। योजना अच्छी हो सकती है पर मूल समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।
मोदी सरकार के कार्यकाल में ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रफ्तार मनमोहन सिंह के कार्यकाल से काफी कम रही। बेरोज़गारी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। सरकार इस पर बात नहीं करना चाहती। गूगल सर्च कीजिए बेरोज़गारी पर काफी परेशान करने वाली जानकारियां आपको मिल जाएंगी।
नीरव मोदी फैक्टर-
नीरव मोदी एक बार फिर चर्चा में आए तो इन पर भी बात कर लेते हैं। नीरव द्वारा PNB घोटाला होने के 8 महने पहले इनकम टैक्स डिपार्मेंट ने इसकी जानकारी सरकार को दी। जानकारी को सीबीआई और ईडी से साझा नहीं किया गया। नीरव मोदी देश छोड़कर भाग गया महीना बाद अब यह खबर आई, नीरव लंदन में है।
ब्रिटेन सरकार ने उसे गिरफ्तार करने के लिए भारत सरकार से कागज़ात मांगे थे। भारत की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया।गौरतलब है कि नीरव मोदी को गिरफ्तार किया गया है। यह चुनाव के ऐन पहले क्यों हुआ, इस पर स्वयं सोचिए।
मीडिया देश को बर्बाद कर रहा है-
हिंदू मुस्लिम डिबेट देखकर अपना भविष्य बर्बाद ना करें। सावधान हो जाएं, भारत का मीडिया लोगों को जानकारी से दूर रख रहा है। असली खबरें जनता तक नहीं पहुंच रही हैं। किसने, किसको “जी” कहा और किसने “भाई”, यही आपको दिखाया जा रहा है।
संगठित तरीके से मीडिया के सभी लोग इसका हिस्सा बन गए हैं। दर्शकों के ऊपर उनके विचार थोपे जा रहे हैं। दर्शकों को किसी नेता का पूरा भाषण सुना दिया जाता है। पूरा भाषण कभी खबर नहीं हो सकती। फिर ऐसा क्यों हो रहा है?
इस आर्टिकल में जिन खबरों का ज़िक्र किया गया है, वे खबरें आपको 2-4 चैनल छोड़ कर कहीं और देखने को नहीं मिलेंगी, जबकि हिंदी भाषा के दर्जनों न्यूज़ चैनल्स हैं। इसका क्या मतलब है? भारतीय मीडिया लोगों को फंसा रहा है? पाठक होने के नाते आप ही यह तय करें।