वर्तमान समय में ओएलएक्स को नए-पुराने सामानों की खरीद-फरोख्त के लिए जाना जाता है लेकिन साइबर अपराधियों ने ओएलएक्स को धोखाधड़ी करने का बड़ा माध्यम बना लिया है।
आज की तारीख में किसी भी अनजान व्यक्ति पर भरोसा कर लेना उचित नहीं है मगर ऑनलाइन ठगी के मामलों में ऐसा ही हो रहा है। कई लोग ऐसे होते हैं, जो अनजान लोगों को अपना समस्त डाटा, वाट्सएप या ईमेल के ज़रिये भेज देते हैं और यही से धोखाधड़ी का आगाज़ हो जाता है।
स्वंय को फौजी बताकर करते हैं साइबर अपराध
हमारे समाज मे फौजियों को बड़ी सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है क्योंकि वे अपने घर परिवार को त्यागकर पूरी निष्ठा, समर्पण, त्याग व बलिदान की भावना से देश सेवा करते हैं। यही कारण है कि हम सबका फौजियों पर अटूट विश्वास है।
हमारे इसी विश्वास का सहारा लेकर साइबर अपराधियों द्वारा स्वयं को फौजी बताकर पुराने वाहन व अन्य सामान को बिक्री के लिए ओएलएक्स पर डाला जाता है और सामान की कीमत लुभावनी रखी जाती है, जिससे व्यक्ति आसानी से लालच में आकर उसे खरीदने के लिए इच्छुक हो जाता है।
फौजी की आईडी का होता है इस्तेमाल?
साइबर अपराधी द्वारा अपनी आईडी के रूप में फौजी की आईडी प्रेषित कर दी जाती है। इसके अतिरिक्त गाड़ी पर्किंग की स्लिप भी भेज दी जाती है, जिस पर व्यक्ति आसानी से विश्वास कर लेता है और साइबर अपराधी के कहे अनुसार पेमेंट भी कर देता है।
इसके बाद साइबर अपराधी द्वारा जीएसटी इत्यादि के नाम पर धनराशि ली जाती है। इनका अंतिम हथियार रहता है कि जो पैसा आपने दिया है, वह भी डूब जाएगा इसलिए कुछ पैसा और दीजिए। इसके बाद जो रुपया चला गया, उसे बचाने के लिए व्यक्ति और रुपये देता रहता है।
खरीदते वक्त ही नहीं, बेचते वक्त भी तैनात रहते हैं फ्रॉड
यह ज़रूरी नहीं है कि आप कुछ खरीद रहे हैं, तभी आपके साथ फ्रॉड किया जाएगा। अगर आप वाहन बेच रहे हैं, तब भी धोखाधड़ी हो सकती है। बेचने के प्रकरण में साइबर अपराधी पेमेंट देने के नाम पर आपके बैंक का खाता संख्या व आईएफएससी कोड प्राप्त कर लेता है।
खाता वेरिफिकेशन के नाम पर आपसे ओटीपी या यूपीआई नम्बर लेकर, आपके बैंक खाते से धनराशि किसी दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर लिया जाता है। आप अगर नहीं चेते तो ली गई धनराशि को रिफंड करने के नाम पर पुनः आपके बैंक खाते से धनराशि आहरित हो जाएगी।
फ्रॉड का केन्द्र बिंदु ओएलएक्स
प्राप्त शिकायतों के अनुसार इस समय ओएलएक्स फ्रॉड का केन्द्र बिंदु जयपुर, भरतपुर और अलवर बन रहा है। ओएलएक्स फ्रॉड के मामले में राजस्थान विशाल नेटवर्क के रूप में उभरकर आ रहा है। यह नेटवर्क इतनी तेजी से क्यों फल फूल रहा है, इस संबंध में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है।
ओएलएक्स पर करें खरीदारी लेकिन सावधानी से
- ओएलएक्स पर खरीदारी करते समय सेलर का विस्तृत विवरण जैसे- आधार कार्ड, पैनकार्ड, फोटो और बैंक पासबुक के प्रथम पृष्ठ की छायाप्रति प्राप्त करें।
- पेमेंट देने में जल्दबाजी ना करें और पेमेंट बैंक खाते से करें।
- वाट्सएप कॉल के बजाय वॉयस कॉल का प्रयोग करें।
- सामान से सम्बन्धित बिल अवश्य प्राप्त करें। बिल को देखकर यह सुनिश्चित करें कि बिल किसी और व्यक्ति के नाम पर ना हो।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आज के दौर में नए प्रोडक्ट का बिल तो मिल जाएगा मगर इससे उस प्रोडक्ट के मालिक की विश्वसनीयता प्रमाणित नहीं हो सकती है।
बढ़ रही ऑनलाइन धोखेबाज़ी, हो जाएं सावधान
आजकल साइबर अपराधियों द्वारा लोगों के साथ धोखाधड़ी करके ऑनलाइन प्रोडक्ट खरीद लिए जाते हैं। अपराधी सामान को स्वयं यूज़ ना करके नए बिल के साथ बेच देते हैं, जबकि वह सामान धोखाधड़ी से खरीदा हुआ होता है, इसलिए बेहतर यही होगा कि सामान खरीदते वक्त सेलर की आईडी प्रूफ बारीकी से जांची जाए।
ओएलएक्स से खरीदारी करते समय की गई असावधानी आपको परेशानी में डाल सकती है। आपके खून पसीने की कमाई क्षणभर में बर्बाद हो सकती है।
इंदौर की संस्था साइबर वेलफेयर सोसाइटी द्वारा निरंतर ऑनलाइन साइबर जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जाता है। यह संस्था लोगों को ऐसे अपराधियों से सतर्क रहने की अपील करती है।