महिला दिवस के दिन हम लड़कियों और महिलाओं के पावर या उनकी शक्ति के बारे में बात करते हैं। हर साल महिला दिवस के दिन लड़कियों को समान दर्जा और उनकी हिम्मत को बढ़ावा दिया जाता है लेकिन हमारा यह वीडियो आज भी आदमियों की पुरानी सोच को दिखा रहा है।
आज भी पुरुष अपने घर की बहू-बेटियों को घर में कैद करके रखना चाहते हैं और दूसरी लड़कियों पर बुरी नज़र डालने में उन्हें मज़ा आता है। अपनी बेटियों को वह पढ़ने नहीं देते हैं और भारतीय महिला खिलाड़ियों की हर जीत में वाह-वाही में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।
हमारे वीडियो में पुरुषों की इसी मानसिकता को दिखाया गया है। इस वीडियो को देखिये यह जानने के लिए कि क्या आपकी सोच भी ऐसी ही है? क्या आज भी लड़कियों को अपने ही देश में कोई आज़ादी नहीं? क्या आपकी सोच महिलाओं की सफलता में एक रुकावट है?
अगर हां, तो अपनी सोच बदलिये। यही समय है अपनी सोच बदलने का। जंतर मंतर में मोमबत्ती जलाने से कुछ नहीं होगा। हमें बदलना होगा और सबसे पहले हमारी सोच को बदलना ज़रूरी है। महिला दिवस को मनाने का सही तरीका है, “सोच बदलिये, और हर लड़की को मदद या सपोर्ट कीजिये”।