“मित्रों, मैंने 2014 में कहा था कि मैं देश नहीं झुकने दूंगा”, भारतीय वायु सेना की आतंकियों पर कार्रवाई के बाद मोदी जी ने एक रैली में अपने भाषण की शुरुआत कुछ इसी अंदाज़ में की। जनता के अंदर खुशी की लहर दौड़ पड़ी और मोदी जी के लिए जयकारे लगने लगे।
जनता भूल चुकी है कि देश तभी झुक गया था जब सरकार की नाकामी की वजह से सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए। देश तो तभी झुक गया था जब 1 करोड़ नौकरियां खत्म हो गईं और जब एक रिपोर्ट में पाया गया कि पिछले 45 सालों में इस वक्त बेरोज़गारी दर सबसे ज़्यादा है।
मौजूदा वक्त में ज़रूरी मुद्दों से देश का ध्यान बांटने वालों को यह समझना चाहिए कि देश तो तब भी झुक गया था जब गाय के नाम पर खास धर्म के लोगों को घरों से निकालकर मारा गया। देश तभी झुक गया था जब सीबीआई और आरबीआई जैसे संस्थानों पर हमला किया गया। देश तो तब भी झुक गया था जब नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या देश का हज़ारों करोड़ रुपये लेकर फरार हो गए।
जब देश झुकने लगता है तो पाकिस्तान के खिलाफ नफरत का माहौल बना दिया जाता है। वायु सेना की कार्रवाई के बाद जिस तरह से लोगों का उन्माद सोशल मीडिया पर बहने लगा, वह वाकई में शर्मनाक है।
पाकिस्तान में आम लोग भी हैं
लोग पाकिस्तान को नक्शे से मिटाने की बात करने लगे हैं। लोग क्यों भूल जाते हैं कि पाकिस्तान में आम लोग भी रहते हैं। कम-से-कम इस मामले में विदेश सचिव का बयान ही सुन लेते जिसमें उन्होंने कहा कि यह एयर स्ट्राइक आम लोगों के खिलाफ नहीं बल्कि सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई थी।
जश्न के बीच असल मुद्दे गायब
एयर स्ट्राइक के बाद पूरा देश जश्न में डूब गया। यहां तक कि कश्मीरी छात्रों पर हो रहे हमलों पर चुप्पी साधने वाले भी एयर स्ट्राइक का समर्थन करने लगे। जिनके बदले की आग में आम कश्मीरी छात्र जल रहे थे, वे भी इस कार्रवाई की जय जयकार करने लगे। जबकि उनकी देशभक्ति और वायु सेना की देशभक्ति में बहुत फर्क है।
चैनलों पर युद्ध की ललकार और तेज़ हो गई। कोई 200 आतंकवादियों के मरने की बात कर रहा था तो कोई कह रहा था कि 300 आतंकियों को मार दिया गया। इस दौरान फर्ज़ी वीडियो भी वायरल किए गए।
न्यूज़ चैनलों के एंकर्स की उग्रता
न्यूज़ चैनलों के एंकर्स तो इस तरह से एंकरिंग कर रहे थे जैसे उन्हीं के हैशटौग चलाने से वायु सेना हरकत में आई हो। क्या सरकार से यह सवाल पूछना उचित नहीं है कि चुनाव के वक्त शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार जैसे मसलों पर भी बात होनी चाहिए। सेना का इस्तेमाल सिर्फ वोट के लिए ही किया जाना उचित नहीं है।
भारतीय वायु सेना द्वारा गिराए गए बम का धुआं पाकिस्तान से होते हुए चैनलों और रैलियों तक पहुंच चुका है, जिसमें आपके सारे मुद्दे गायब कर दिए जाएंगे।
अब इस धुएं में सिर्फ एक ‘नायक’ के अलावा आपको कुछ नज़र नहीं आएगा। भले ही आपके पास नौकरी ना हो लेकिन पाकिस्तान को गाली देते रहिए और ‘नायक’ की जय-जयकार करते रहिए, नहीं तो आप एंटी नैश्नल बता दिए जाएंगे।