बीजेपी अक्ष्यक्ष अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के मालदा में रैली के ज़रिए कई मुद्दों को उठाया जिससे समाज में नफरत फैल सके। अमित शाह की रैली में विकास, रोज़गार, महिला सुरक्षा, किसान और काला धन जैसे मुद्दे गायब रहें। इस दौरान सिर्फ और सिर्फ रोहिंग्या, नागरिकता संशोधन बिल, दुर्गा पूजा विसर्जन, सरस्वती पूजा, हिन्दू-मुस्लिम और पाकिस्तान जैसे मुद्दे ही सुर्खियों में रहे।
रैली के माध्यम से तो अमित शाह लोगों के बीच नफरत फैलाने में सफल रहे लेकिन इस लेख के ज़रिए बतौर एक नागरिक मैं अमित शाह के हर सवालों का जवाब देना चाहता हूं जो इस प्रकार हैं।
अमित शाह: “यूपीए ने अपने आखिरी साल में बंगाल को 1 लाख 32 हज़ार करोड़ रुपये दिए जबकि नरेंद्र मोदी ने 3 लाख 95 हज़ार 406 करोड़ दिए। हमने ढाई गुना पैसा अधिक देने का काम किया है लेकिन ममता दीदी को पैसे कम पड़ जाते हैं। आधा आपके लोग खा जाते हैं और आधा घुसपैठिए जो घुसे हैं, वे खा जाते हैं। बंगाल की जनता को कुछ नहीं मिल पाता।”
बंगाल की जनता की तरफ से अमित शाह को जवाब: “मैं अमित शाह से पूछना चाहता हूं कि अगर आपके पास कोई सबूत है तो आप चुप क्यों हैं? केन्द्र में आपकी सरकार है, आप एक्शन लीजिए। मुझे पता है अमित शाह ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि वह जानते हैं कि वो झूठ बोल रहे हैं। वैसे भी जुमले फेंकना और झूठ बोलना तो बीजेपी की आदत है।”
अमित शाह: “पश्चिम बंगाल में डर का माहौल है। पश्चिम बंगाल के अंदर दुर्गा विसर्जन की इजाज़त अगर नहीं है तो क्या पाकिस्तान जाकर विसर्जन करेंगे? यहां सरस्वती पूजा की भी अनुमति नहीं है।” इसी कड़ी में अमित शाह ने पश्चिम बंगाल को सुभाष चंद्र बोस की धरती बताते हुए कहा कि काँग्रेस ने उन्हें भुलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन बीजेपी ने उनकी देशभक्ति और उनके काम को अमर करने का फैसला लिया है।
बंगाल की जनता की तरफ से अमित शाह को जवाब: “सबसे पहले तो अमित शाह जान लें कि बंगाल में डर का माहौल ना था, ना है और ना ही रहेगा क्योंकि यहां बीजेपी नहीं है। इसलिए हम सभी खुश होकर बंगाल में हिन्दू-मुस्लिम एकता का परिचय देते हुए सभी त्यौहार मनाते हैं।”
अमित शाह जी, “देश संघ की गुलामी को भी याद करता है। एक तरफ जहां सुभाष चंद्र बोस आज़ादी की लड़ाई लड़ रहे थे, वही दूसरी ओर यही संघ अंग्रेज़ों की गुलामी करते हुए उनसे वफादारी का रिश्ता निभा रहा था। शायद संघ की दलाली आपको याद नहीं है इसलिए बंगाल की जनता बंगाल से संघ और बीजेपी को हटाना चाहती है।”
अमित शाह: “टीएमसी हत्याएं कराने वाली सरकार है। लोकतंत्र का गला घोंटने और भ्रष्टाचार कराने वाली सरकार है। 2019 का चुनाव तय करने वाला है कि बंगाल में हत्याएं करवाने वाली, लोकतंत्र का गला घोटने वाली, भ्रष्टाचार और घुसपैठ करने वाली तृणमूल सरकार बंगाल में रहेगी या यहां से जाएगी।”
बंगाल की जनता की तरफ से अमित शाह को जवाब: “देश को गुजरात और मुज्ज़फर नगर के दंगे तो याद ही होंगे। देश को जज लोया और शोहराबुद्दीन फर्ज़ी एनकाउंटर मामला भी याद होगा। ऐसे में देश को दंगों के मास्टरमाइंड के बारे में भी जानकारी होगी। मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि मोदी सरकार में सीबीआई, आरबीआई, चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट जैसी संस्थाओं की गरिमा का मज़ाक उड़ाया जाता है।”
अमित शाह: “आप कम्युनिस्ट को हटाने के लिए टीएमसी को लेकर आए लेकिन इनका शासन देखकर लोग यह कहने लगे हैं कि इनसे तो कम्युनिस्ट ही अच्छे थे। हर 5वां व्यक्ति यहां गरीबी रेखा के नीचे है। दीदी ने लोकतंत्र को समाप्त कर देने का काम किया है।”
बंगाल की जनता की तरफ से अमित शाह को जवाब: “बंगाल की जनता टीएमसी से खुश है और जनता को जुमलेबाज़ों पर नहीं बल्कि दीदी पर विश्वास है। बंगाल में आज किसानों की स्थिति अच्छी है और यहां तक कि सुरक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा काफी बेहतर हो चुके हैं। आलम यह है कि गुजरात से लड़के बंगाल में पढ़ने आ रहे हैं।
मैं अंत में यह बात कहना चाहूंगा कि अब जनता समझदार हो चुकी है जो अमित शाह और मोदी के जुमलों पर विश्वास नहीं करने वाली है। जनता इन जुमलों के ज़रिए हिन्दू-मुस्लिम में उलझना नहीं चाहती है।
आज ‘बंगाल’ दीदी के नेतृत्व में दिन प्रतिदिन आगे बढ़ते हुए नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है। यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा क्योंकि जनता की आस सिर्फ “माँ-माटी-मानुष” के साथ है। जय हिन्द-जय बांग्ला।