हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कारारी हार झेलने के बाद बीजेपी में उथल-पुथल मची हुई थी। जनता सवाल कर रही थी कि आखिर आप कब तक लोगों को यूं ही राम मंदिर के नाम पर लॉलीपॉप दिखाते रहेंगे। आज की जनता समझदार और साक्षर है जो विकास चाहती है और बेरोज़गार युवा रोज़गार चाहते हैं।
आपने अपनी सत्ता में रहते हुए सिर्फ जनता को प्रलोभन दिया है। विकास तो आपने किया नहीं है मोदी जी! किया तो बस हर चीज़ का नामकरण। दलितों को लुभाने के लिए SC-ST एक्ट को पास किया लेकिन मोदी जी आप भली-भांति जानते हैं कि सवर्णों के समर्थन के बिना आपका जीतना असम्भव है।
अभी तक आपने वोट के लिये दलितों-पिछड़ों और मुस्लिमों पर राजनीति की है लेकिन आपको तो उनके वोट भी नहीं मिले। सत्ता में आने के बाद आपकी पार्टी के कुछ बड़े नेताओं के विवादित बयान और अहंकार आपकी विजय को ले डूबे।
मोदी जी, बस कुछ ही महीनों का वक्त था आपके पास इस लोकसभा चुनाव की जीत को अपनी ओर मोड़ने के लिए और आपने इसी चक्कर में सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण दे दिया। SC-ST एक्ट लाने के बाद से ही जनता का एक वर्ग आपसे खासा नाराज़ था। इसका असर पांच राज्यों में होने वाली हार से आपको पता ही चल गया होगा।
अब आपकी सरकार में भी खलबली मची हुई थी कि आखिर ऐसा कौन सा फैसला लिया जाए जिससे कि समाज के सवर्ण वर्गों को खुश किया जा सके। सभी तथ्यों पर गंभीरता से विचार करने के बाद आपने यह एक ऐतिहासिक फैसला लिया। अभी तक सवर्णों को आपसे शिकायत थी कि आपने उनके लिए कोई ठोस कदम नही उठाए और ना ही उनकी ओर ध्यान दिया लेकिन आज सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत के आरक्षण का ऐलान करके आपने एक बार फिर सवर्णों का दिल जीत लिया।
अब जनता का ध्यान राम मंदिर के मुद्दे पर भी कम हो जाएगा। अब सवर्णों का वोट बैंक फिर आपको ही मिलेगा क्योंकि जनता भी जानती है कि अब कितनी भी जल्दी अध्यादेश लाया जाए लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मंदिर निर्माण नहीं किया जा सकता। आज का युवा मुद्दों पर वोट देता है। यह फैसला भविष्य के लिए अच्छा होगा।
आर्थिक स्तिथि से तंग युवाओं को इसका लाभ बड़े रूप से मिलेगा। यह फैसला मोदी के लिए मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है क्योंकि आज सबसे ज़्यादा जनसंख्या युवाओं की है और यह फैसला युवाओं को लाभान्वित करने वाला है। इसलिए मोदी सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की बात काबिल-ए-तारीफ है।
यह आरक्षण 50% आरक्षण की सीमा के ऊपर होगा। इसके लिए संविधान संशोधन बिल आज पेश किया जाना है। चूंकि यह आरक्षण गरीबी के आधार पर लिया गया है तो इसके परिणाम भी भविष्य के लिए अच्छे होंगे। सवर्ण गरीबों की शिक्षा एवं नौकरी के क्षेत्र में लोगों को काफी फायदा मिलेगा। आपके द्वारा लिया गया फैसला 2019 लोकसभा चुनाव की जीत के लिए जड़ी-बूटी का काम कर सकता है।
सत्ता में बने रहने के लिए सवर्णों को आरक्षण देने का फैसला आपकी जीत के लिए रामबाण साबित हो सकता है। आज़ादी के 70 सालों बाद गरीब सवर्णों के लिए लिया गया यह फैसला ऐतिहासिक है। अब ‘सबका साथ सबका विकास’ पर चलते हुए मोदी जी ने दलित, ओबीसी के साथ-साथ सवर्णों पर भी ध्यान देना शुरू किया है। मोदी ने विरोधियों को चक्रव्यूह में डाल दिया है। अब संसद का दृश्य देखना दिलचस्प होगा कि विपक्षी दल इस बिल का साथ देते हैं या फिर विरोध करते हैं।