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लिट्टी चोखा और संवाद, जहां प्यार, सम्मान और है स्वाद

लिट्टी चोखा और संवाद

लिट्टी चोखा और संवाद

लिट्टी-चोखा और संवाद एक ऐसा त्योहार है जहां प्यार, सम्मान और स्वाद है. पिछले दो साल के अनुभव से बता रहा हूं कि हमारी कोशिश है कि इस कार्यक्रम के माध्यम से दिल को दिल से मिला रहे हैं. साथ ही साथ हम सभी को बुलाते हैं.

हमें लगता है कि सभी इंसान के पास कुछ गुण है, कला है और आइडिया है. इसमें सब्ज़ी बेचने वाले भी आते हैं, रिक्शा चलाने वाले भी आते है, जूते की मरम्मत करने वाले भी आते, शिक्षक भी आते हैं, पत्रकार भी आते हैं, सोशल रिफॉर्मर भी आते हैं, डॉक्टर भी, वैज्ञानिक भी. कहने का मतलब है कि इस त्योहार में वो सभी लोग शामिल होते हैं जिनसे समाज चल रहा है और जो देश को चला रहे हैं.

लिट्टी चोखा और संवाद

हम इसमें बच्चों को भी शामिल करते हैं. इस त्योहार की मदद से हम उन्हें प्रेरणा देने की कोशिश करते हैं कि हम सब एक हैं. ये देश ही नहीं पूरी दुनिया हमारी है और हम इसके रखवाले हैं.

आज भले ही दिल हमारा लोकल है, मगर हमारी सोच ग्लोबल है. इस बार के त्योहार का यही टैगलाइन भी है. गूगल हो या मल्टीनेशनल कंपनी, हर जगह हमारा झंडा बुलंद है. ये त्योहार कोशिश है कि एक दूसरे के साथ भावनात्मक जुड़ाव हो, आपसी प्यार बने. खान पान तो बहाना है असली बात तो दिल को दिल से मिलाना है.

आप सभी से निवेदन है, आप कहीं के भी हों, कोई भी बोली बोलते हों अपने दोस्तों के साथ, अपने बच्चों के साथ अपने परिजनों के साथ आइयेगा ज़रूर.

निवेदक

लिट्टी चोखा संवाद परिवार

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