लोकतंत्र में जनता से बड़ा कोई नहीं होता और जब कोई जानता को दबा कर उसपर राज करने की सोचने लगता है उसका नतीजा है पांच राज्यो के विधानसभा चुनाव परिणाम। एक ओर जहाँ कांग्रेस ने तीन राज्यो में भारी भरकम सीटे हासिल की है, वहीँ बीजेपी अपनी हार को लेकर हैरान है। विधानसभा चुनाव के परिणामो ने 2019 के लोकसभा चुनाव को रोमांचक बना दिया है। विधानसभा के नतीजे इस मायने में खास है कि बीजेपी द्वारा खुद के अलावा कोई विकल्प नहीं होने की जो बात कही जा रही थी वो धराशायी होकर गिरी है और कांग्रेस ने परंपरागत वोट बैंक से वापस वोट प्राप्त किये है।
कौन से मुद्दे बने वजह :
छत्तीसगढ़
– सरकर द्वारा जनता को अनसुना कर केवल मुफ्त सामान बाटने की राजनीति
– सड़को की बदहाल स्तिथि
– सरकार द्वारा ख़राब दारू सप्लाई
– सरकारी हॉस्पिटलों की अव्यवस्था
– शिक्षाकर्मियों की नाराजगी
राजस्थान
– हर पांच साल में सरकार बदलने की परंपरा
– वसुंधरा राजे से लोगो की नाराजगी
– राजपूतो और एससी एसटी एक्ट के मुद्दे पर नाराजगी
मध्यप्रदेश
– किसानों की अनदेखी
– व्यापम घोटाले में रहस्मय मौतें
– बेरोजगारी पर युवा आक्रोश
नतीजे साफ़ है जनता अपने साथ हुए अन्याय पर किसी को माफ़ नहीं करेगी, और वक़्त पड़ने पर जनता अलग अलग विकल्प चुन सकती है। 2019 के चुनाव को मद्देनजर रखते हुए भाजपा को अपनी रणनीति बदलनी होगी। गाय, मंदिर, जात-पात, गोत्र और विपक्षी पार्टियों को गाली देकर अब कुछ हासिल नहीं होने वाला है। वही कांग्रेस को लोकसभा चुनाव के वक़्त मौजूदा परिणाम दोहराने के लिए धुंआधार काम करना होगा और विधानसभा चुनाव से पहले जनता को किये वादे पुरे करने होंगे।