समय बहुत ही बदलता जा रहा हैं,हमारे आधुनिक युग मे सारी प्रक्रिया आधुनिक ढंग से होती हैं,अनेक साधन प्रचलन में आये हैं, देश दिन प्रतिदिन प्रगति के कगार पर हैं,देश की आर्थिक व्यवस्था में काफी सुधार देखने को मिला हैं,हमारे देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने काफी कुछ देश मे बदला हैं, कुछ सफल प्रयास भी किये गये हैं,मात्र सरकार की जिम्मेदारी ही नहीं बनती अपितु हमारे देश के नागरिकों को भी जागरूक होना पड़ेगा,यदि प्रत्येक नागरिक देश को अपनी संपत्ति मानेगा तो देश और प्रगति कर सकता हैं, देश की युवा पीढ़ी यदि देश के प्रति जिम्मेदार हो,तो न ही कोई शिकायत होगी,न ही परेशानियाँ होंगी,आज हमारे देश मे सारी सुविधा साधन हैं, परंतु महिलाओं की स्तिथि वहीं की वही हैं, यदि कोई लड़की या महिला आधुनिक हो तो तो भी वह एडवांस कहलाती हैं और यदि प्राचीन सोच हो तो वह बैकवर्ड कहलाती हैं जब लोगो ने तय कर लिया कि कौनसी महिला या लड़की किस तरह की हैं तब उन महिलाओं या लड़की की अपनी निजी सोच का क्या,वो भी स्वतंत्र देश की स्वतंत्र नागरिक हैं उसे भी अपने हिसाब से जिंदगी जीने का अधिकार हैं, सारी सोच सिर्फ उसी पर क्यों थोपी जाती हैं,उसे भी समान अधिकार मिलना चाहिये, देश मात्र पुरुषों से ही नही चलता महिलाओं का भी बड़ा योगदान होता हैं,आज भी बहुत सी ऐसी असमानताएँ हैं जिनसे हर महिला या लड़की को गुजरना पड़ रहा हैं असुरक्षा का शिकार महिला ही होती हैं बिना किसी दे के घूमने कहीं भी बाहर जाने हर वक़्त सुरक्षा महसूस जिस दिन होने लगेंगी बस उसी दिन भारत का पुनर्जन्म होगा ऐसा ही बस मेरे सपनों का भारत होगा,शिकायत नहीं बस खेद हैं असुरक्षा का…….??