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आक्रोशित ग्रामीणों ने आवारा पशुओं को पंचायत घर में किया बन्द

किसानों की गाढ़ी कमाई पर पानी फेर रहे आवारा पशुओं को आक्रोशित ग्रामीणों ने पंचायत घर में किया बन्द

हरदोई।

आवारा पशुओं से परेशान सैकड़ों किसानों ने ग्रामसभा के पंचायत घर में शनिवार की सुबह सैकड़ों की संख्या में आवारा पशुओं को बंद कर दिया। आवारा पशुओं से किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं, यहां तक ये आवारा पशु उनके जीवन पर भारी पड़ रहे हैं। इस कांपती ठंड में रात-रात जागकर किसान आवारा पशुओं से अपनी फसल बचाने के लिए विवश हैं। जिससे आजिज होकर ग्रामीणों ने अभियान चलाकर आवारा पशुओं को पंचायत घर में कैद कर दिया।
बताते चलें कि कि थाना क्षेत्र कछौना की ग्रामसभा समसपुर के दर्जनों किसानों ने आवारा पशुओं को एकत्र करके ग्रामसभा में स्थित पंचायतघर में ताला लगा दिया। किसानों का कहना है कि आवारा पशु मौका पाते ही पूरा का पूरा झुंड बनाकर खेतों में घुसकर फसल को चट जाते हैं। जिससे उनकी गाढ़ी कमाई मेहनत बर्बाद हो रही है। आवारा पशुओं के कारण काफी किसानों के खेत खाली पड़े हैं। वर्तमान सरकार ने अवैध बूचड़खाने बंद कर दिए हैं, वर्तमान में कृषि कार्य में पशुओं की उपयोगिता नहीं के बराबर रह गई है। जिसके कारण गांव-गांव आवारा गौवंश काफी संख्या में घूम रहे हैं। जबकि गौरक्षा के ठेकेदार केवल राजनीति का ढिंढोरा पीट रहे हैं। वही गांव-गांव में गौशाला खोलने की घोषणा केवल कागजों तक ही सीमित है। किसानों ने बताया कि सरकार की तरफ से आवारा पशुओं के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। इसलिए इसका खामियाजा सरकार को आने वाले आम चुनाव में उठाना पड़ेगा। ग्रामीणों की इस घटना से शासन-प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया। जिस पर प्रभारी निरीक्षक जावेद अहमद ने मौके पर पहुंचकर किसानों से वार्ता कर उनकी पीड़ा से रूबरू हुए। ग्रामीणों की समस्या को उन्होंने उपजिलाधिकारी सण्डीला को दूरभाष पर अवगत कराया। इस पर अधिकारी ने बताया कि सरकार के पास इस मद में कोई बजट नहीं है। इसलिए तत्काल कोई कदम उठाना संभव नहीं है। किसानों की समस्या को प्रमुखता से शासन को भेज देंगे जिस पर ग्रामीणों ने उनसे सहमत होते हुए आवारा पशुओं को पंचायतघर का ताला खोल कर मुक्त कर दिया।

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