Site icon Youth Ki Awaaz

​18 अनफ्रेंड, 6 ब्लॉक और 12 अनफॉलो

​18 अनफ्रेंड, 6 ब्लॉक और 12 अनफॉलो

​18 अनफ्रेंड, 6 ब्लॉक और 12 अनफॉलो करने वाले…जिस शालू की बात हमेशा ठीक होती थी, लोग समर्थन करते थे, सराहना करते थे…अचानक इतनी बुरी हो गई कि उसके जूनियर कहने लगे, ‘मैम आपको आइडियल समझती थी, लेकिन अब नहीं’… सिर्फ इसलिए क्योंकि एक मुद्दे पर उनके विचार मुझसे नहीं मिले…

मुद्दा था #MeToo, मैंने जमकर इस मुहिम के खिलाफ लिखा…वजह ‘मेरा मानना है कि दर्द की दवा तुरंत होनी चाहिए, उसके लिए इंतजार नहीं करना चाहिए, वरना दर्द बदस्तूर हो जाता है. मेरा मानना है कि जिन महिलाओं ने आवाज़ उठाई, उन्हें उसी वक्त आवाज़ उठाना चाहिए था, उनकी हिम्मत से कई और इज्जत बच जाती. मैं लगातार लिखती रही, कभी उदाहरण देकर, कभी कुछ फोटोज के साथ लोगों को समझाती रही कि आज की पीढ़ी की लड़कियों को MeToo का चम्मच मत पकड़ाओ वरना वो भी आज से 10 साल के बाद का इंतजार करेंगी. लड़कियां, महिलाएं नहीं मानी और मुझे खुद का दुशमन समझने लगी.

लोगों के कमेंट आए कि आपके साथ ऐसा नहीं हुआ कभी, इसलिए आप इस तरह के स्टेटस लिख रही हैं…मैं बताना चाहूंगी कि मेरे साथ एक नहीं, 2 नहीं, जब-जब घर से निकली हूं, तब-तब ऐसी घटनाएं हुईं है… ​क्योंकि मैं लड़की हूं, ये चीजें होना आम बात है, हमें आवाज़ उठानी पड़ेगी, उसी वक्त, शोर मचाना होगा… क्योंकि हम जिस देश में है, वहां पुरुष की मानसिकता बदलने में जमाने लग जाएंगे…

Exit mobile version