1.प्रेम
सागर की लहरों सा
सूरज की किरणों सा
बेला की गंध सा
पूनम के चंद्र सा।
कुएँ की ठिठोली सा
बच्चों की बोली सा
पापा की ‘ यही’ सा
मम्मी की ‘ वहीं’ सा।
आखो के नीर सा
अनसुनी पीर सा
प्रेम है तुम्हारा।।।
2.आस्था
तुझमें जीवन
जीवन में प्रेम
प्रेम मे सत्य
सत्य में आशा।
आशा में जय
जय में आनन्द
आनंद में तुम
तुझमें आस्था ।।
3.ग्रहण
शीतल है
चंदन सा
शांत है
सागर सा।
रोशन है
सत्य सा
महका है
मधुवन सा ।
ग्रहण के बाद
चाद दिखा है……आज जीवन सा ।।
4.फासले
बडा अजीब था
तुम्हारा जाना
सड़क के पार।
सरपट भागती
गाड़ियों के बीच
तुमने मुडकर ना देखा
मैंने बढकर ना टोका
ठहरी हुई दो जिंदगियो
के बीच से
दौड़ते हुए
अनेको फासले।।