Site icon Youth Ki Awaaz

कविता: गीत खुशी के गाते जाओ

Indian People

A Poem on Geet Khushi Ke Gaaye Ja

प्रखर शूल हों पथ पर तेरे

चाहे बिखरे हों अंगारे,

 

भीषण सागर पड़ा सामने,

या दानव-दावानल तुझे घेरे,

 

चाहे बीच भंवर डूबे नाव तुम्हारी,

या घिर आए तम-घटा घनेरी,

 

चाहे हों झंझावात क्रुद्ध हवाओं के,

या हो समय सांझ के लंबे पांवों के,

 

चाहे भाग्य विरूद्ध हो जाये,

या जीवन-मार्ग निरूद्ध हो जाये,

 

मार्ग विकटता से बाहर तुम

गीत खुशी के गाते जाओ

 

शूलों-शरों के राह में भी

साहस से पांव जमाते जाओ,

 

तुम गीत खुशी के गाते जाओ,

साहस से पांव जमाते जाओ,

 

मार्ग विकटता से अनिरुद्ध,

तुम लक्षित कदम बढ़ाते जाओ।

Exit mobile version