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मोदी का विदेश जाना सही या ग़लत ?

सबसे पहले जानने की कोशिश करते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के विदेश दौरों से देश को क्या मिला !

  1. कनाडा के साथ पांच साल के लिए यूरेनियम आपूर्ति समझौता मोदी के विदेश दौरे की बहुत बड़ी उपलब्धि रही. पूर्व राजनयिक शीलकांत शर्मा ने यूरेनियम समझौते को महत्वपूर्ण बताया. खास कर इसलिए क्योंकि कनाडा ने 1974 के परमाणु विस्फोट के बाद भारत को परमाणु सहयोग बंद कर दिया था.

2. भारत ने पूरी तरह से उड़ान के लिए तैयार 36 राफाल लड़ाकू विमानों की खरीदारी के लिए समझौता किया है. सोसाइटी फॉर पॉलिसी स्टडीज के निदेशक भास्कर ने कहा, ‘इस प्लेटफार्म से वायुसेना की घटती स्क्वोड्रन क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी.’

3. भारत ने ठोस तरीके से संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद के लिए स्थाई सदस्यता का दावा मजबूत तरीके से पेश किया. पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल के मुताबिक, ‘पहले भारत लॉबिंग करता था, लेकिन अब उसकी भाषा बदल गई है- मैं मांगूंगा नहीं, यह मेरा अधिकार है. यह एक आत्मविश्वास से लबरेज भारत को लेकर उनका तरीका है, जो वैश्विक शक्ति का हिस्सा बनने की कोशिश कर रहा है.

4. सिब्बल ने कहा, ‘तीनों देशों की यात्रा के सकारात्मक परिणाम रहे. इस दौरान यह धारणा मजबूत हुई कि भारत निवेश के लिए एक आकर्षक ठिकाना है और यह भारत में मोदी की विकास की योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण है.’

5. फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद ने कहा कि उनका देश आने वाले समय में भारत में 2 बिलियन यूरो का निवेश करेगा.

6. फ्रांस नागपुर और पॉन्डिचेरी को स्मार्ट सिटी बनाने में भारत की मदद करेगा.

7. फ्रांस की कंपनियां भारत में रक्षा उपकरण बनाएंगी.

8. फ्रांस के साथ समझौते के तहत महाराष्ट्र के जैतापुर में बंद पड़ी परमाणु परियोजना पर भी आगे बढ़ने का फैसला किया गया.

9. भारत और फ्रांस के बीच 17 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए.

10. मोदी ने प्रथम विश्वयुद्ध में शहीद हुए हजारों भारतीय सैनिकों का फ्रांस के न्यूवे चैपेल स्मारक में श्रद्धांजलि दी. ऐसा करने वाले वह प्रथम भारतीय प्रधानमंत्री थे.

अब बात करते हैं कि देश को मिलीं उप्रोक्त उपलब्धियों से देश लाभान्वित कितना हो पायेगा.

1. कनाडा के साथ पांच साल के लिए यूरेनियम आपूर्ति समझौता तो हो गया लेकिन, बड़ा प्रशन ये है कि देश ने जब ख़ुद झारखंड के जादूगोड़ा में उपलब्ध यूरेनियम का क्या होगा जिसके खनन में जहां बेइन्तेहा रुपये सरकार खर्च कर रही है वहीं इसकी वजह से फैल रहे रेडिएशन ने क्षेत्रीय लोगों को अनचाही बीमारी के हवाले कर दिया है. तात्पर्य ये है कि यूरेनियम प्लांट सरकार बंद नहीं कर सकती और खुद के उपलब्ध यूरेनियम भंडार के बावजूद दूसरे से लेने का औचित्य क्या है ? अगर बाहर से आने वाला यूरेनियम राफेल की तरह किसी प्राइवेट कम्पनी के हवाले किया गया वह चाहे 1% की ही संलिप्तता क्यों ना हो , क्या ये किसी घोटाले की ओर इशारा नहीं होगा ?

2. भारत द्वारा 36 राफाल लड़ाकू विमानों की खरीदारी के लिए समझौते ने रिलायंस की संलिप्तता से देश की छवी विश्व में धूमिल कर दी है जिस काम खामियाज़ा देश किस हद तक भुक्तेगा अंदाज़ा लगाना मुश्क़िल है.

3. UNO मे स्थाई सदस्यता मिलनी चाहिये लेकिन, मिली नहीं तो मिलेगी कब ? भारत को बेवकूफ समझा जायेगा ?

4. मोदी जी की जर्मनी, कनाडा और फ्रांस यात्रा पर सिब्बल जी ने कहा, ‘तीनों देशों की यात्रा के सकारात्मक परिणाम रहे. इस दौरान यह धारणा मजबूत हुई कि भारत निवेश के लिए एक आकर्षक ठिकाना है और यह भारत में मोदी की विकास की योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण है.’

जब जर्मन के राष्ट्रपति BHU में समाजशास्त्र की संगोष्ठी के दौरान Phd स्कालर से ये पूछ बैठे कि कैसे भारत में किसी जगह एक आदमी पर बच्चे चोर या मांस होने की शंका मात्र पर जमा भीड़ जान लेलेती है तो बताइये दूसरे मुल्क के इंवेस्टर किस आधार पर इंवेस्ट करेंगे ?

5. भारत देश में शक़ के आधार पर मॉब लिंचिंग से लगातार हो रही हत्यायें की स्थिति से अवगत होकर फ्रांस भारत में निवेश करने से पूर्व खुद से प्रशन क्यों नही पूछेगा कि भारत में उनके द्वारा किया जाने वाला निवेश कितना सुरक्षित होगा.

6. स्मार्ट सिटी हेतु सपने देखते 5 वर्ष होने को हैं अब सवाल ये है कि दूसरे मुल्क की सहायता से जब स्मार्ट शहर बनेंगे तो इसके बदले शहरवासी को क्या भुगतान करना होगा ? फ्रांस मुल्क है राजा हरिशचन्द्र तो है नहीं कि मुफ्त में भलाई कर के चला जायेगा, जब देश के अडानी साहब गोडडा स्थित पॉवर प्लांट से बिजली बंगला देश को देंगे और झारखंड को सिर्फ शोषण देंगे !

7. भारत में रक्षा उपकरण बनाने को लेकर इतनी किरकिरी होचुकी है कि फ्रांस क्या कोई मुल्क इस काम के लिये आयेगा नहीं यदि आयेगा भी तो देश बहुत बड़ी क़ीमत अदा करेगा .

8. जब हमारे देश में भाभा अटॉमिक सेंटर मौजूद है तो दूसरों की बैसाखी से चलने की कब कोशिश करेगी सरकार.

9. प्रश्न समझोते का नहीं प्रशन दूसरों से सहारा लेकर आगे बढ़ने काम है. आखिर देश में जब सैनिक स्कूल सफल होसकते हैं तो रक्षा विश्व विद्यालय सफल क्यों नहीं होंगे. क्या देश सिर्फ सपने देखने और सरकारें सपने दिखाने के लिये हैं.

10. मोदी ने प्रथम विश्वयुद्ध में शहीद हुए हजारों भारतीय सैनिकों का फ्रांस के न्यूवे चैपेल स्मारक में श्रद्धांजलि दी. अच्छी बात है लेकिन, देश तो तभी गौरवान्वित होगा जब हम देश के किसी शिक्षण संस्थान को विश्व के टॉप 10 शिक्षण संस्थानों में देखेंगे.

अब फैसला आप कीजिये कि माननीय प्रधानमंत्री जी की विदेश यात्राओं से हमने क्या पाया क्या खोया ?

नोट : प्रश्न मोदी जी की यात्रा पर था इसलिये तुलना में किसी पूर्व प्रधानमंत्री का ज़िक्र मैंने नहीं किया.

मोदी जी विदेश यात्रा में
जादूगोड़ा में रेडिएशन से प्रभावित ये एक नहीं अनगिनत हैं
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