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बिहार में सबसे बड़ी ऑनलाइन ‘ अटल बिहारी वाजपेयी सालाना निबंध प्रतियोगिता’ की आखिरी तारीख

बिहार में स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद में ऑनलाइन सालाना निबंध प्रतियोगिता के लिए अपनी एंट्रीज भेजने की अंतिम तारीख 14 नवंबर तक बढ़ा दी गई है। फेस्टिव सीजन, अक्टूबर में दशहरा और नवंबर के दूसरे हफ्ते में दिवाली जैसे त्योहार के कारण इस प्रतियोगिता की आखिरी तारीख 14 नवंबर बाल दिवस तक बढ़ा दी गई है, ताकि इच्छुक छात्र इस ऑनलाइन निबंध प्रतियोगिता में भाग लेने से वंचित न रह जाए। निबंध प्रतियोगिता की शुरुआत 2 अक्टूबर को गांधी जयंती से हुई थी और प्रतियोगिता के नतीजे 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर घोषित किए जाएंगे।
पूर्णिया जिले के पूर्व सांसद उदय सिंह की अध्यक्षता में पूर्णिया लोकसभा विकास परिषद के तत्वाधान में आयोजित होने वाली इस प्रतियोगिता की आखिरी तारीख अब 14 नवंबर हो गई है। यह प्रतियोगिता बिहार राज्य के 10वीं से लेकर 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए होगी। प्रतिभागी प्रतियोगिता अवधि के दौरान अपना निबंध लिखकर एक विशेष साइट www.atalpratiyogita.comपर अपलोड कर सकते हैं।
पूर्व सांसद उदय सिंह ने कहा , ” इस ऑनलाइन प्रतियोगिता में एक खास लिंक पर निबंध का मूल्यांकन करने वाले यूनिवर्सिटी, स्कूल और कॉलेज के बेहतरीन शिक्षकों का रजिस्ट्रेशन किया गया है। जिन प्रतिभागियों का निबंध सर्वश्रेष्ठ होगा, उन लोगों के निबंध फिर ‘मॉडरेटर्स’ के पास भेजा जाएगा, जो यह तय करेंगे कि इनमें से किस प्रतियोगी को मेरिट सर्टिफिकेट या पुरस्कार मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता में कुल 4.50 लाख रुपये के पुरस्कार रखे गए हैं, जिसमें पहला पुरस्कार 50 हजार रुपये, दूसरा 30 हजार रुपये और तीसरा 20 हजार रुपये का है। प्रतियोगिता में अब तक 8 हजार से ज्यादा एंट्रीज आ चुकी है। “
पूर्व सांसद उदय ने कहा कि प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य युवाओं को अटलजी के जीवन, उनके विचार और नीतियों से अवगत कराना है। उन्होंने बताया कि अटल जी का व्यक्तित्व कई आयामों को अपने में समेटे हुए था। वह कवि, राजनीतिज्ञ,  प्रतिष्ठित दार्शनिक और लोकतंत्र के सजग प्रहरी थे,  जिन्होंने युवा प्रतिभाओं को हमेशा स्वतंत्रता और निडरता से ज्वलंत और देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण गंभीर विषयों पर चिंतन करने और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। हमारी संस्था पूर्णिया लोकसभा विकास परिषद बिहार के छात्रों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। मेरे निर्वाचन क्षेत्र के जिन प्रतियोगियों का मेरिट सर्टिफिकेट के लिए चयन किया जाएगा, उन्हें हर महीने ‘अटल एजुकेशनल असिस्टेंस प्रोग्राम’ के तहत पढ़ाई और खेलकूद में शानदार प्रदर्शन के लिए वित्तीय सहायता भी दी जाएगी।
निबंध के लिए स्कूली छात्रों को दो विषय दिए गए हैं,  जिसमें से उनको एक पर निबंध लिखना होगा। स्कूल के छात्र ज्यादा से ज्यादा 1000 शब्दों में निबंध लिख सकते हैं। स्कूली छात्रों के लिए चुने गए विषयों में आधुनिक भारत पर सर्वशिक्षा अभियान का प्रभाव और शिक्षा में पढ़ाई और पाठ्यक्रम से जुड़ी अतिरिक्त गतिविधियों का महत्व शामिल है, जबकि कॉलेज के छात्र कॉलेज के छात्र ज्यादा से ज्यादा 1500 शब्दों में निबंध लिख सकते हैं। उनके लिए चुने गए विषयों में विविधता में एकता है-भारत में सांप्रदायिक सद्भाव का महत्व और अच्छे नेतृत्व का महत्व शामिल है।
प्रतियोगिता में भाग ले रहे छात्र जावेद ने बताया, “पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पर आधारित ऑनलाइन निबंध प्रतियोगिता की तारीख बढ़ने से मैं बहुत खुश हूं। अटल बिहारी वाजपेयी देश के एकमात्र ऐसे नेता हैं, जो अपनी पार्टी में ही नहीं, बल्कि विपक्ष में भी काफी लोकप्रिय और सम्मानित थे। अटल जी के बारे में विपक्षी अक्सर कहा करते थे, “वह अच्छे आदमी हैं, लेकिन गलत पार्टी में हैं।“ यह जानकर हैरत होती है कि अटल जी केवल 8 वर्ष की उम्र से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए हैं।“
अटल बिहारी वाजपेयी पर आधारित निबंध प्रतियोगिता में ऑनलाइन एंट्री भेज चुकीं बिहार की अनामिका रंजन का कहना है, “जो लोग यह पूछते हैं कि स्वतंत्रता आंदोलन में अटल जी का क्या योगदान था, उन्हें मैं यह बताना चाहती हूं कि 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में अटल जी गिरफ्तार किए गए थे। वह उस दौरान 14 दिन जेल में रहे थे। 1992 में पद्भविभूषण से सम्मानित अटल 16 मई 1996, 19 मार्च 1998 और 1999 में भारत के प्रधानमंत्री बने और इस पद पर 2004 तक रहे। वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते भारत ने 1998 में पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था। मेरी कोशिश कारगिल युद्ध के हीरो अटल जी पर आधारित इस निबंध प्रतियोगिता का पहला पुरस्कार जीतने की होगी।“
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