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एक नज़र 2019 की ओर

भारत की आज़ादी के लगभग तीन वर्ष उपरांत कानून व्यवस्था को एक नया आधार मिला “संविधान”, अपने भारत का संविधान । 395 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां और ये 22 भागों में विभाजित भारत का संविधान न्याय , स्वंतंत्रता तथा समानता पे आधारित है जिसको पूर्ण रूप से स्थापित होने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन लगे , 26 नवम्बर 1950 को भारत का संविधान व्यवस्था में आ चुका था । पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत की पहली पंचवर्षी योजना की नीव रक्खी ।

 

भारत के इतिहासिक राजनीतिक पार्टियों में से एक भारतीय राष्ट्रिय कॉंग्रेस रही है बदला तो सिर्फ जनता का नज़रिया और आज जनता की ही भागीदारी से उस समय की भारतीय राष्ट्रिय काँग्रेस की जगह आज भारतीय जनता पार्टी ने ली इस पूरे सफर के दौरान अन्य पार्टियाँ भी चर्चा में रहीं है किन्तु अब तक की दो सबसे बड़ी पार्टियाँ भारतीय राष्ट्रिय काँग्रेस और भारतीय जनता पार्टी रह चुकी है ।

 

कॉंग्रेस का पतन और भारतीय जनता पार्टी का उदय दोनों में सीधा संभन्ध है 2014 के चुनाव आते- आते जनता का झुकाव भारतीय जनता पार्टी की तरफ हो चुका था । एक तरफ कॉंग्रेस और अन्य दलों की ताकत तो दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी । मगर आखिर में 543 में से 282 सीटें जीत कर एक भारी बहुमत कायम करने वाली सरकार की स्थापना हुई जो लोगों की जुबान पर मोदी सरकार बन कर ठहर गई इस आशा और ऊमीदों के साथ की अब आएंगे अच्छे दिन ।

 

भारतीय जनता पार्टी को ले कर लोगों का अपना-अपना विभिन्य नज़रिया है । सरकार कितनी आई और गई मगर जनता को अभी भी एक कुशल सरकार की तलाश है सरकार ऐसी जो विभिन्न जनता को तृप्त कर सके चाहे वो भारतीय जनता पार्टी हो , कांग्रेस हो या कोई अन्य ।

 

2019 नजदीक है सारे दल अपनी ताकतों को विजय के लिए झोकना आरंभ कर दिये है , उधर जनता भी गली , मुहल्लों व नुक्कड़ों पर अपनी अपनी राय बैठाने लगे है सारे लोग अपना-अपना प्रतिनिधित्व चुनने लगे हैं ज़ाहिर है हलचल तो राजनीतिक दलों में भी मची होगी आने वाले चुनाव में क्या कोई नया दल उभर कर आयेगा या एक बार फिर राष्ट्र मोदीमय हो जाएगा ।

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