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संवाद के पुल बनाने निकली हैं महिलाएं ..

संवाद यात्रा@गाँधी150

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150 वें जयंती वर्ष में देश के 9 राज्यों की 20 महिलाएं संवाद यात्रा पर निकली हैं |      21 अक्टूबर को गुजरात के साबरमती आश्रम से शुरू हुई यह यात्रा 31 अक्टूबर को कश्मीर के श्री नगर पहुंचेगी | महिला पुरुष संबंधों में बढ़ रहे तनाव ,  महिला हिंसा और गैर बराबरी के खिलाफ व्यापक जन संवाद करने के उद्देश्य से यह यात्रा निकाली गई है | यात्रा का एक उद्देश्य  गाँधी विचार अनुसार  समाज में प्रेम, विश्वास व आपसी सद्भाव बढ़ाना भी है | इस यात्रा में राष्ट्रीय युवा संगठन एवं गाँधी150 के राष्ट्रीय संयोजन समिति सदस्य सहित गाँधी विचार से जुडी महिलाएं शामिल हैं |

बोझ नहीं होती हैं बेटियां  –

यात्रा का नेतृत्व कर रही मुंबई की गाँधी विचार कार्यकर्त्ता प्रेरणा देसाई कहती हैं कि बेटियों को सामाजिक आर्थिक बोझ मानना बंद कीजिये  ! जो बोझ है वह आपको ख़ुशी कैसे दे सकती है और खुद भी कैसे खुश रह सकती है ? वे कहती हैं कि हम बेटियां भी मुकम्मल इन्सान हैं | बेटियां बोझ नहीं हैं | वंश मात्र लड़कों से न तो बनता है न चलता है , इसके लिए लड़का – लड़की दोनों की जरूरत होती है | इसलिए लड़का लड़की में भेदभाव ख़त्म करने के लिए सभी को आगे आना होगा | यह संवाद यात्रा इसी दिशा में संवाद के पुल बनाने की कोशिश है |

लड़का – लड़की एक दुसरे के पूरक हैं –

गाँधी शांति प्रतिष्ठान दिल्ली से जुडी रूपल अजबे के अनुसार लड़का – लड़की एक दुसरे के पूरक हैं | वे एक दुसरे का जीवन समृद्ध बनाते हैं | इसलिए सभी को यह शर्त माननी चाहिए कि कोई लड़का – लड़की एक दुसरे का इस्तेमाल न करें ,एक दुसरे से बेईमानी न करें और हमेशा एक दुसरे का सम्मान करें | यदि ऐसा वातावरण हम बनाते हैं तो समाज से हिंसा और गैर बराबरी ख़त्म हो सकेगी | कुछ इसी तरह के विचार ओरिसा , मध्य प्रदेश , महाराष्ट्र से यात्रा में शामिल हुए प्रतिभागियों के हैं |

यहाँ से होकर गुजरेगी संवाद यात्रा –

21 अक्टूबर को अहमदाबाद साबरमती आश्रम से शुरू होकर यात्रा शामलाजी, 22 को उदयपुर व देवगढ ,23 को ब्यावर होकर अजमेर , 24 को जयपुर व कोटपुतली , 25 को दिल्ली व सोनीपत, 26 को करनाल व अम्बाला , 27 को जालंधर एवं गुरुदासपुर , 28 को पठानकोट ,29 जम्मू , 30 को उधमपुर होकर 31 अक्टूबर एवं 1 नवम्बर को श्री नगर में स्कूल, कोलेज एवं विभिन्न नागरिक समूहों के साथ संवाद करेगी | गाँधी 150 वें वर्ष में जारी संवाद यात्रा विशेष रूप से उन क्षेत्रों से होकर गुजर रही हैं जहाँ लड़कियों के साथ हिंसा, बलात्कार , खरीद फरोख्त और भेदभाव की घटनाएँ आयेदिन सामने आती रहती हैं | 

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