मैं ये तो नहीं कहती ये देश सबसे अच्छा है,
लेकिन ये मेरा ही तो है।
मैं ये तो नहीं कहती यहां की हवा में खुश्बू है,
लेकिन ये हवा अपनी सी तो है।
दीपावली के दीयों ने, ईद की सेवइयों ने,कृसमस के केक ने अौर गुरुद्व्ारे के हलवे ने
मैं ये तो नहीं कहती मुझे आस्तिक बना दिया,
पर ये सब मेरा हिस्सा भी तो हैं।
मैं ये तो नहीं कहती किसी की आंखों पर देश से प्यार की पट्टी इती गहरी हो जाय के गुनाह दिखने बंद हो जाएं,
पर इतनी तो हो के सुधार के रासते पर चल तो सकें।
मैं ये तो नहीं कहती यहां न्याय अन्याय सही ग़लत की अवधारणाएं बिल्कुल सटीक हैं
पर, एक बदलाव ला सकें ये सोच भी यहीं की तो है।
ये रगं केसरीया, सफेद और हरा
मैं यह तो नहीं कहती बेदाग़ हैं
पर ये रगं मेरे अपने भी तो हैं।
इन्हें साफ करे कोई ये इतंज़ार मैं क्यों करूं?
मैं ये तो नहीं कहती अकेली ही सब कर लूंगी मैं
पर कुछ तो करूं , ये हिम्मत भी यहीं से तो है।