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समर्पणBy VK sharma

 

आप ही अभिमान है मेरा, आप ही सम्मान है।
आपके लिए ही है ए पूरी जिंदगी, हाजिर जिस्म और जान है।

आसूओं में​ बाढ़ आ जाएगी, इतना आंसू बहा देंगे।
बचपन जवानी का क्या कहना सारी उम्र गवां देंगे।

आपसे ही मिला है मेरा जीवन, आपका ही वरदान है।
आपके लिए ही है ए पूरी जिंदगी हाजिर जिस्म और जान है।

प्यारी सी बगिया का चमन है आप।
मेरे छोटे से दुनिया का गगन है आप।

चाहे जैसे पूरा करते मेरे सभी अरमानों को।
धरती खोद कर लाते बनाते नहीं बहानो को।

खुन पसीने से सिंच कर बड़ा किया है आपने।
पकड़ा पकड़ा कर ऊगुलियां खड़ा किया है आपने।

आपके चरणों में है चारों धाम, आप ही मेरे भगवान है।
आपके लिए ही है ए पूरी जिंदगी हाजिर जिस्म और जान है।

युवा शायर एवं कवि
VK Sharma
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