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“रास्ते”

मंजिल को ले जाने वाली:- “रास्ते”
हाँ वही रास्ते जिनसे होकर मैं रोज गुजरा करता हूँ , वही रास्ते जिनसे होकर मैं खुद से दिन भर के हिसाब लेता हूँ , वही रास्ते जिनसे चल कर लगता है थोड़ी देर में अपना गंतव्य है , वही रास्ते जिनमे मैं खुद से कहता हूँ की अभी तो बस अंगड़ाई है आगे बड़ी लड़ाई है , वही रास्ते जिनमे मैं रोज खुद को अगले दिन के लिए तैयार करता हूँ , वही रास्ते जिनमे मैं कुछ सपने देख लिया करता हूँ , वही रास्ते जिन्हे मैं रोज अपने पैरो से कुचलता हूँ , वही रस्ते जिनमे मैं रोज रात गला फाड् के गाना गता हूँ ,हाँ वही रास्ते जो ंपठेतूरे के पीछे से होकर जाती है

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