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कार्यकर्ता सम्मेलन में मोदी जी का भाषण क्यों मुझे बोरिंग और गैरज़रूरी लगा

महाकुम्भ: ना कोई जवाब, ना कोई फायदा! फिर से वही पुराने भाषण। बात है “बीजेपी महाकुम्भ” की। महाकुम्भ इसलिए भी क्योंकि बीजेपी कार्यकर्ताओं का सम्मलेन है। माननीय प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने भाषण भी दिया और मीडिया चैनल्स ने पूरे भाषण का सीधा प्रसारण भी किया है।

मोदी जी का भाषण सुनकर या देखकर कहीं ना कहीं ऐसा लगा कि फिर से 2014 वाला साल आ गया है। 2018 में 2014 वाली फीलिंग। भाषण में मोदी जी कहते हैं, “आज के समय में 19 राज्यों में सरकार होना गर्व की बात है।” विश्व की सबसे बड़ी सत्ताधारी पार्टी के लिए यह बिलकुल अच्छी बात है। दूसरी तरफ पाकिस्तान ने ज़ख्मी जवान को अगवा कर 9 घंटे तड़पाया, करंट लगाया, टांग काटी, आंखें निकाली फिर गला रेतकर गोली मारी। सलाम है उस शहीद जवान को। हर भारतीय की आंखों में सम्मान है पर हमारे मोदी जी को गर्व होता है तो 19 राज्यों में सरकार बनाने से।

मोदी जी का सीना 56 इंच का होता है जब उनकी पार्टी विश्व की सबसे बड़ी सत्ताधारी पार्टी बन जाती है। हमारे फौजी भाई हमारे देश का आत्म सम्मान हैं, आपके भाषण में उस शहीद जवान का ज़िक्र नहीं मिला। आपकी हिम्मत तक नहीं हुई उस शहीद के सम्मान में कम-से-कम दो पल के लिए कुछ बोलने की। बोलेंगे भी क्यों? ज़रूरत भी क्या है बोलने की? आप विश्व की सबसे बड़ी पार्टी जो हैं।

आपने आगे बोला कि मैं तीन महापुरुषों को कभी नहीं भूल पाऊंगा। महात्मा गांधी, राम मनोहर लोहिया और पंडित दीन दयाल उपाध्याय। देश भी यही चाहता है कि आप इन लोगों को कभी मत भूलिए क्योंकी इन लोगों ने जो काम किये हैं आने वाले भविष्य में कोई कर भी नहीं पायेगा। बीजेपी की सोच का 80% भाग आरएसएस के द्वारा चलता है और आरएसएस से गांधी जी का बैर जगज़ाहिर है। अगर अब 2019 के चुनाव में फायदा लेना है तो ये सब नाम बोलने ही पड़ेंगे। आपने कहा कि वोट बैंक की राजनीति का विरोध करते हैं पर आपने अभी तक कितना विरोध किया है इस वोट बैंक की राजनीति का ये भी तो जनता को बता दीजिये।

हिन्दुओं के नाम पर वोट मांगे जाते हैं आपकी सरकार में। 2014 के बाद से देश में हिन्दू-मुस्लिम की डिबेट के सिवा और कुछ नहीं हुआ है। कभी गाय माता के ऊपर वोट बैंक की राजनीति तो कभी तीन तलाक की राजनीति। देश के बाहर से गठबंधन की बात आपने कही, देश के बाहर से आपका इशारा सिर्फ पाकिस्तान से है। अगर काँग्रेस ऐसा कर रही है तो आप सिर्फ मंच पर खड़े होकर देश की जनता को ये न्यूज़ बताने के लिए बैठे हुए हैं? आप न्यूज़ एंकर नहीं हैं, आप देश के प्रधानमंत्री हैं कृपया ये सब बाते बताकर देश का ध्यान विकास के मुद्दों से ना भटकाइए।

पूरे भाषण में कहीं भी शिक्षा के ऊपर कोई बात नहीं मिलेगी। बेहतर शिक्षा के लिए क्या कदम उठाये जा रहे हैं? इन चार सालों में बेहतर शिक्षा के लिए क्या हुआ है? ये सब प्रधानमंत्री जी नहीं बताने वाले हैं। रोज़गार कब तक देंगे? देंगे भी या नहीं ये भी आप नहीं बताने वाले हैं। किसानों के लिए क्या किया अभी तक, ये भी नहीं बताएंगे। रुपया क्यों गिर रहा है, पेट्रोल के दाम कम होंगे भी या नहीं? राफेल डील का छुपा हुआ सच क्या है, ये भी नहीं बताएंगे। आप एक बात ज़रूर बताएंगे कि 60 सालों में कुछ नहीं हुआ है, काँग्रेस भ्रष्टाचारी है। इसके अलावा और कोई बात आपके भाषणों में नहीं मिलने वाली है। इसलिए कहा था कि 2014 का साल अब 2018 में फिर शुरू हो गया है।

देश का हर नागरिक बहुत कुछ पूछना चाहता है, बहुत सारे सवाल मन में उठते हैं। अफसोस यह है कि इन सवालों का जवाब देश का युवा सिर्फ गूगल पर ढूंढता रह जाता है। फायदा क्या है, कोई फायदा नहीं है सवाल पूछने का। क्योंकि अगर आप इनसे सवाल करेंगे तो ये आपको जवाब देने की जगह आपसे उलटे सवाल करना शुरू कर देंगे। ऐसे नेताओं को चुनिए जो आपको गलत राह पर ना ले जाएं और आपकी आंखों पर पट्टी ना बांध दे। जो देशहित के कार्य करे ऐसे नेता को चुनिए।

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