सोशल मीडिया में इन दिनों लोग अमृता और प्रणय की लव स्टोरी के दुखद अंत को लेकर काफी उदास हैं। लोग इस बारे में लिख रहे हैं, बात कर रहे हैं जैसा कि यहां हर मुद्दे पर होता आया है लेकिन मुझे सोशल मीडिया अब झूठ का संसार लगने लगा है। आपका दुख भी झूठ है, आपका सुख भी। आपकी क्रिया-प्रतिक्रिया सब एक झूठ है।
मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं कि अभी हाल में एक वीडियो बहुत वायरल हुआ था, उस वीडिया में एक लड़की अपने प्रेमी के साथ बैठी है और अपनी मर्ज़ी से उसके साथ आने की बात कह रही है। इस वीडियो को लोग ‘ठीक है’ के तौर पर भी जानते हैं। उस वीडियो में जो लड़का है वो उस वक्त ठीक किसी पत्थर सा अडोल पड़ा हुआ था। वहीं, लड़की अपनी भावनाओं को वीडियो में रिकॉर्ड कर रही थी।
जब ये वीडियो वायरल हुआ तो यही लोग जो आज अमृता और प्रणय की लव स्टोरी के अंत को लेकर दुखी हैं, उस वक्त उनका मज़ाक उड़ा रहे थे। कई लोग तो इसे लड़की की नादानी और नासमझी भी बता रहे थे। जो लोग लोग आज प्रेम के दुखद अंत का रोना रो रहे हैं, उस वक्त एक प्रेम कहानी का माखौल उड़ा रहे थे।
दरअसल, हम सभी अपने हिसाब से अपनी सुविधानुसार आपना स्टैंड क्लियर कर रहे हैं। जितने लोग आज अमृता और प्रणय को लेकर आसूं बहा रहे हैं, क्या ये लोग अपने घरों में इस तरह प्रेम को फलते फूलते देख सकेंगे?
शायद नहीं, क्योंकि हमारा समाज इस हिसाब से तैयार हो ही नहीं पा रहा। इस समाज में एक लड़की का अपने घर में अपनी पसंद को बताना आज भी गुनाह ही माना जाता है। ये ऐसा समाज है जहां लड़का अपनी गर्लफेंड्स के नाम गर्व से ले सकता है लेकिन अगर कोई लड़की ऐसा करे तो उसके चरित्र का आंकलन होने लगता है और हम सब ऐसे ही समाज से आते हैं।
हम लाख कह लें कि अमृता और प्रणय के साथ गलत हुआ है लेकिन ऐसी ही प्रेम कहानी हमारे घरों से निकले तो हम उस पर आपत्ति जताते नज़र आएंगे। अगर आपत्ति ना भी जता सकें तो ज़ुबानी तौर पर या व्यवहारिक तौर पर हम ऐसे जोड़ों के साथ अजीब बर्ताव तो कर ही देंगे।
सोशल मीडिया में लिख देने से, या खुद को ऊंचे ख्यालों वाला बता देने भर से काम नहीं हो पाएगा। लोगों को अपने भीतर झांकना होगा। अगर अमृता और प्रणय के साथ गलत हुआ तो ‘ठीक है’ कहने वाली लड़की का मज़ाक उड़ाकर, उसकी भावनाओं को नज़रअंदाज कर हमने भी गुनाह किया है और ऐसा गुनाह आप रोज़ करेंगे, क्योंकि ये समाज आपको क्रिमिनल बना रहा है।