मैं मध्यप्रदेश का निवासी हूं, इस बात का मुझे कतई गर्व नहीं है और ना ही मुझे “सुख का दाता सब का साथी शुभ का यह संदेश है, मां की गोद पिता का आश्रय मेरा मध्यप्रदेश है” इस गाने में मध्यप्रदेश की कोई महानता नज़र आती है। मध्यप्रदेश गैंगरेप और बलात्कार के मामले में देश में अव्वल है, यह भाजपा के शिवराज सरकार की उपलब्धि है।
मंदसौर की बच्ची के साथ हुई जघन्यता के बाद सतना, सागर, जबलपुर भोपाल और सबसे बड़े गढ़ इंदौर में 15 दिनों के अंदर इस तरह के 5 जघन्य गैंगरेप और हत्या के दिल दहला देने वाले प्रकरण सामने आए हैं। NCRB के अनुसार 2017 में 5310 महिलाओं के साथ बलात्कार के प्रकरण दर्ज हुए हैं। बच्चियों और नाबालिगों के साथ बलात्कार के मामले में भी मध्यप्रदेश अव्वल है। नाबालिगों के साथ बलात्कार के 2479 मामले दर्ज हैं।
इन सबको देखते हुए रेपिस्ट राज्य के अलावा किसलिए जानें आप मध्यप्रदेश को? सोया राज्य है मध्यप्रदेश, जो कब जागेगा पता नहीं।
भ्रष्टाचार और घोटालों का गढ़ है मध्यप्रदेश। ज़रा लिस्ट देखिए घोटालों के, व्यापमं घोटाला, डीमेट घोटाला ये घोटालों के बाप हैं। इससे जुड़े 34 लोगों की संदिग्ध मौत हुई है, सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार। विज्ञापन घोटाला, शौचालय घोटाला, छात्रवृत्ति घोटाला, श्मशान घोटाला, प्याज घोटाला, वृक्षारोपण घोटाला, सोलर लाइट, स्मार्ट फोन, आंगनवाड़ी, बिना परीक्षा पास करने का मामला, और इनमें सबसे बड़ा घोटाला सहकारी घोटाला है। इस तरह द पायनियर, के अनुसार 23 स्कैम में 2732 करोड़ के घोटाले हुए हैं। इसके अलावा मंदसौर किसान आंदोलन में मौत, झाबुआ ब्लास्ट जिसमें राजेन्द्र कासवा के घर से 69 डेटोनेटर बरामद हुए थे, ये कासवा आरएसएस का सक्रिय कार्यकर्ता था। इस घटना में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 89 लोग मारे गए थे।
इसके अलावा नर्मदा बचाओ आंदोलन को आप देख सकते हैं, साथ ही जनवरी से मार्च के बीच 1 लाख 16 लाख पेड़ों को जंगल की सेहत सुधारने के नाम पर काट डाला गया। यह जंगल कोलार डैम के पास वीरपुर रेंज के मगरपाट गांव के पास 700 हेक्टेयर में फैला हुआ था। नर्मदा कैचमेंट एरिया से 5 साल में 3500 हेक्टेयर रेत का वैध और अवैध उत्खनन हुआ। बेटियों की दुर्दशा और प्राकृतिक संसाधनों के बेजा उत्खनन से नागरिकों की नींद हराम नहीं हो पा रही है, इसलिए बलात्कार से लेकर भ्रष्टाचार तक में विश्वविख्यात होने की राह पर है मध्यप्रदेश। नए मध्यप्रदेश का स्वागत करिये, देश के लिए मध्यप्रदेश के इन योगदानों पर उसे शाबासी दीजिये।