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ANTI-NATIONAL || MERAKI (HINDIPENDENT) || MIXING DEEP HARKS | VIDEO ROMI KAHLON

हमेशा से लगता था कि कश्मीर-खालिस्तान , हिन्दू-मुसलमान, आरक्षण जैसे मुद्दे हद संवेदनशील है जिन पर ज़्यादा ध्यान ना देकर समय के भरोसे छोड़ देना चाहिए क्योंकि इन पर होने वाली बहस का कोई अंत नहीं है। लोगों को कभी न कभी तो समझ आना है, लेकिन लगता है देर लगेगी। आजकल जब भी टीवी चलाओ तो 6 लोग बहस कर रहे होते हैं। सभी न्यूज़ एंकर एक ज़ुबान बोल रहे हैं। पहले लोग आमजन की समस्याओं के लिए सरकार को कोसा करते थे, आजकल आपस में ही एक दूसरे को कोस रहे हैं। सोचकर कभी डर लगता है तो कभी हंसी भी आ जाती है।

हिन्दुओं को लगता है कि मुसलमानों की संख्या बढ़ना खतरा है और मुसलमानों को लगता है कि हिन्दुओं से लड़ने के लिए संख्या बढ़ानी पड़ेगी। दरअसल ना हिन्दू बढ़े ना मुसलमान, रोबोट्स ज़्यादा तेज़ी से बढ़ रहे है।

प्रधानमंत्री रोबोट बनाओ योजना के तहत आगामी 10 वर्षो में सभी भारतीयों को रोबोट बना दिये जाने का लक्ष्य है। यह रोबोट आधुनिक तकनीक से लैस राष्ट्रवाद की चिप से चलेगा जिसका कोई ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं होगा बल्कि ‘सिस्टम’ ही इसको ऑपरेट करेगा। जहां अन्य प्रोसेसर में RAM व ROM दोनों होते हैं, आश्चर्यजनक रूप से इसके तो ROM ROM में ही RAM है।

हालांकि जानकारों का कहना है कि किसान एंव मज़दूर वर्ग उक्त योजना से अभी भी वंचित हैं और आये दिन प्रदर्शन कर सरकार से नाराज़गी जता रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ हमारा युवा बहुत खुश है जो आज राष्ट्रीय ज्ञान एंव अनुसंधान बोर्ड की व्हाट्सएप्प विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण हो चुका है और अन्य मेधावी छात्रों के साथ मुसलमानों के ट्रक और फ्रिज में काम ढूंढ रहा है। इनके सपनो की नगरी बम्बई नही अयोध्या हो चुकी है।

राष्ट्रवाद के कारण गोरक्षा, मंदिर, योग जैसे क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर बढ़े हैं। वर्तमान हालात यह है कि भारत भले ही प्रति व्यक्ति आय में पीछे रह रहा हो लेकिन व्हाट्सएप्प और गौ-रक्षा के दम पर क्रमशः “प्रति व्यक्ति राय” और “प्रति व्यक्ति गाय” की दरों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री आवास की जगह रामजन्मभूमि पर डेरा डालने की चाह रखने वाले ये असाधारण लोग ज़्यादा ज्ञान प्राप्ति के दम्भ में ज़मीन से ऊपर उड़ने लगे हैं, जिस कारण अच्छी सड़कें अब इनकी ज़रूरत नहीं रही।

इन सब हालातों को देखते हुए हमने राष्ट्र को यह गाना समर्पित किया है, जिसे सुनने के बाद हमे ‘इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स’ दिखाए जाकर हमारा सामान्य ज्ञान दुरुस्त करने के प्रयास युद्ध स्तर पर प्रारम्भ हो चुके हैं, एन्टी नेशनल कहा जा रहा है, घर का पता पूछा जा रहा है और यह तक भी कहा जा रहा है कि जब व्हाट्सएप्प पर ज्ञान बंट रहा था तब कहाँ सो रहे थे ? “हम जैमिंग कर रहे थे और गाने बना रहे थे, जो hindipendent जल्द ही पेश करेगा, धन्यवाद।”

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