बचपन की बातें और बचपन का दौर सबको खूबसूरत लगता है लेकिन, इस बात का एहसास जवानी और बुढ़ापे में ही सबसे ज़्यादा होता है अर्थात उस दौर से गुज़र जाने के बाद। जवानी में जब हम मुड़कर बचपन में झांकते हैं तो उस दौर का हर लम्हा हंसी नज़र आता है और यह सोचकर हमारे चेहरे पर एक मुस्कान तैर जाती है। साथ ही आती है एक आह जो फिर से उस वक्त को जीने की चाह लिए होती है लेकिन, ऐसा होता कहां है। वक्त का कारवां एक बार गुज़र गया तो बस गुज़र गया, फिर तो बस यादें ही रह जाती हैं।
खैर! कुल मिलाकर कहना ये है कि बचपन का दौर एक खूबसूरत दौर होता है, नादानी और बदमाशी भरा दौर।
हाल ही में यूट्यूब चैनल TVF ने एक सीरीज़ शुरू की है ‘ये मेरी फैमिली’, जिसमें 90 के दशक की पृष्ठभूमि में एक परिवार की कहानी को दिखाया गया है। एक छोटा परिवार पति-पत्नी और तीन बच्चे हैं। मुख्य रूप से इन्हीं पात्रों के आसपास कहानी चलती है। बीच-बीच में कुछ और पात्रों का रोल भी है लेकिन, इस कहानी का मुख्य आकर्षण है उस परिवार का छोटा बेटा हर्षू, जिसकी नादानी और करामात देखकर आप मुस्कुराए बिना नहीं रह पाएंगे और कुछ देर के लिए अपने बचपन में लौट जाएंगे।
आजकल टीवी पर चल रहे ज़्यादातर धारावाहिक की कहानी किसी परिवार के इर्दगिर्द ही बनी हुई होती है लेकिन, उनमें इतना जोड़-तोड़ और दिखावापन होता है जो हमने या आपने अपने आसपास शायद ही देखा हो। मतलब सच्चाई कम ड्रामा ज़्यादा। ऐसे में यह वेब सीरीज़ फैमिली ड्रामा के लिहाज़ से अपनी एक अलग ही पहचान बनाती है, जिसमें ना ड्रामा है ना बहुत कुछ ऐसा जो हमारे आपके परिवारों में ना होता हो। यह शो बहुत छोटी-छोटी बातें छोटी-छोटी खुशियां, मासूमियत और बांकपन लिए हुए है जो हर किसी को भाएगा।
शो देखते हुए बीच-बीच में कई बार ऐसा लगा कि अरे यार ये तो किया ही नहीं मैंने, ये छूट गया करना, मौका मिले तो कर लूं। यही जो ख्वाहिश है, वही इस कहानी की सार्थकता की ओर इशारा करती है।
जब एक 6वीं, 7वीं में पढ़ने वाला बच्चा बड़े भाई की बात सुन रहा है, मम्मी-पापा की बात भी सुन रहा है, जल्दी से बड़ा होकर अपने भाई के जितना अटेंशन पाना चाहता है जो कि उसे छोटे होने के कारण नहीं मिल रही है और छोटे होने के नाते मम्मी-पापा से यह भी सुनना पड़ता है कि अपने भाई की तरह बनो। सबसे खूबसूरत बात कि जब पहली बार एहसास होता है कि अरे क्लास में ये लड़की है जो बहुत प्यारी लगती है और उसको इम्प्रेस करने के लिए उस मासूम उम्र में ही जितने प्रयास किए जाते हैं वो तो इस कहानी की रूह है। ऐसे में एक दोस्त जो लव गुरु का रोल अदा करता है उसका कॉन्फिडेंस देखकर बड़े-बड़े मोहब्बत करने वाले और समझने वाले भी दंग रह जाएं।
हमेशा से बड़े भाई की गद्दी हथियाने की ख्वाहिश लिए छोटा भाई जब देखता है कि बड़ा भाई बाहर पढ़ने जा रहा है और देखते-देखते चला जाता है तो उसे अचानक से महसूस होता है कि उसने ऐसा भी नहीं चाहा था और फिर बड़े भाई की कमी भी महसूस करता है।
कुल मिलकर एक खूबसूरत, प्यार और मासूमियत से बुनी गई कहानी, जिसे देखकर हम मासूमियत और इनोसेंसी की खुराक ले सकते हैं।
इस दौर में इस तरह के और शोज़ की ज़रूरत महसूस होती है, जो इसे देखने के बाद निश्चित रूप से बढ़ जाएगी। बाकि शो की खासियत आप देखकर ही जानें तो बेहतर है।